Dehydration Causes Symptoms Treatment in Hindi

डिहाइड्रेशन: कारण, लक्षण और उपचार (Dehydration: Causes, Symptoms, and Treatment in Hindi)

डिहाइड्रेशन, जिसे हिंदी में निर्जलीकरण कहा जाता है तब होता है जब शरीर से पानी की मात्रा उसकी आवश्यक मात्रा से कम हो जाती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब शरीर में पानी की आपूर्ति उसकी जरूरत के मुताबिक नहीं होती या शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकल जाता है। पानी की यह कमी विभिन्न कारणों से हो सकती है जैसे- शरीर से अत्यधिक पसीना निकलना, पर्याप्त पानी न पीना, उल्टी, दस्त या पेशाब के माध्यम से शरीर से ज्यादा तरल पदार्थ का बाहर निकलना। शरीर में पानी की कमी के लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।

डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) क्या है? (What is Dehydration in Hindi)

डिहाइड्रेशन का मतलब है कि जब शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकल जाता है और उसकी पूर्ति नहीं होती। जब हमारा शरीर 60% तक पानी से बना होता है तो यह पानी शरीर की कई क्रियाओं को सही ढंग से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर की हर कोशिका, ऊतक, और अंग को सही ढंग से काम करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। शरीर में पानी की कमी से शरीर की विभिन्न क्रियाएं बाधित होती हैं और यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए गंभीर हो सकती है।

डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के लक्षण क्या हैं? (Dehydration Symptoms in Hindi)

डिहाइड्रेशन के भिन्न-भिन्न लक्षण हो सकते है। जब शरीर में पानी की कमी होने लगती है तो शरीर विभिन्न संकेत देता है जिन्हें पहचानना महत्वपूर्ण होता है। निम्नलिखित लक्षण पानी की कमी के लक्षण हो सकते हैं:

  1. प्यास लगना: यह सबसे पहला और सामान्य लक्षण होता है जो शरीर में पानी की कमी का संकेत देता है।
  2. मुंह और गला सूखना: पानी की कमी से मुंह सूखने लगता है और लार का निर्माण कम हो जाता है।
  3. पेशाब का रंग गहरा होना: शरीर में पानी की कमी से पेशाब का रंग गहरा और कम मात्रा में होता है।
  4. त्वचा का रूखापन: पानी की कमी से त्वचा की नमी कम हो जाती है जिससे त्वचा सूखने लगती है।
  5. थकान महसूस होना: डिहाइड्रेशन से ऊर्जा की कमी होती है और शरीर थका हुआ महसूस करता है।
  6. सिरदर्द और चक्कर आना: पानी की कमी से मस्तिष्क पर असर पड़ता है, जिससे सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
  7. सांसों की बदबू: मुंह में लार कम बनने से बैक्टीरिया की वृद्धि होती है, जिससे सांसों की बदबू आ सकती है।
  8. ब्लड प्रेशर में कमी: पानी की कमी से ब्लड प्रेशर गिर सकता है, जिससे चक्कर आने और बेहोशी का खतरा बढ़ सकता है।

डिहाइड्रेशन के प्रकार (Type of  Dehydration in Hindi)

डिहाइड्रेशन की स्थिति को उसकी गंभीरता के अनुसार तीन मुख्य प्रकारों में बांटा जा सकता है:

  1. माइल्ड डिहाइड्रेशन: इस स्थिति में शरीर से 2% तक पानी की कमी हो जाती है। इसमें हल्की थकान, प्यास लगना और मुंह सूखने के लक्षण दिखाई देते हैं। इस स्तर पर व्यक्ति को अधिक पानी पीकर समस्या से निजात मिल सकती है।
  2. मॉडरेट डिहाइड्रेशन: इस स्थिति में शरीर से 3-5% पानी की कमी हो जाती है। इससे सिरदर्द, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और पेशाब में कमी हो सकती है। इस स्तर पर इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय पदार्थ और ORS लेना आवश्यक हो जाता है।
  3. सीवियर डिहाइड्रेशन: यह सबसे गंभीर स्थिति होती है। इसमें शरीर में 6% से अधिक पानी की कमी हो जाती है। इसमें व्यक्ति को चक्कर आना, बेहोशी और अंगों का सही ढंग से काम न करना जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इस स्थिति में तुरंत अस्पताल में जाकर इलाज कराना आवश्यक होता है।

डिहाइड्रेशन से कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं?

डिहाइड्रेशन से शरीर में कई गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • गुर्दे की समस्याएं: पानी की कमी से गुर्दे पर दबाव बढ़ता है और इससे गुर्दे की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।
  • ब्लड प्रेशर में कमी: डिहाइड्रेशन से ब्लड प्रेशर गिर सकता है जिससे सिरदर्द, चक्कर आना और बेहोशी का खतरा रहता है।
  • हार्ट की धड़कन में असामान्यता: पानी की कमी से हृदय की धड़कन तेज हो सकती है और अनियमित हो सकती है।
  • मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में कमी: मस्तिष्क में पानी की कमी से ध्यान केंद्रित करने और सोचने-समझने की क्षमता में कमी आ सकती है।
  • त्वचा और बालों की समस्याएं: पानी की कमी से त्वचा और बाल सूख सकते हैं जिससे त्वचा की चमक घट जाती है और बाल कमजोर हो सकते हैं।

डिहाइड्रेशन के उपचार (Dehydration Treatment in Hindi)

डिहाइड्रेशन के उपचार का तरीका इस बात पर निर्भर करता है कि स्थिति कितनी गंभीर है। निम्नलिखित उपचारों से पानी की कमी को दूर किया जा सकता है:

  1. साधारण पानी पीना: हल्के डिहाइड्रेशन के लिए सबसे सरल और प्रभावी उपाय है पर्याप्त मात्रा में पानी पीना।
  2. इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति: अगर स्थिति थोड़ी गंभीर हो तो ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) या इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय पदार्थ जैसे नारियल पानी या नींबू पानी लेना चाहिए।
  3. IV फ्लूइड्स: अगर स्थिति बहुत गंभीर हो तो अस्पताल में IV फ्लूइड्स दिए जाते हैं जो शरीर में तुरंत पानी और आवश्यक मिनरल्स की पूर्ति करते हैं।

डिहाइड्रेशन के घरेलू उपचार  (Home Remedies for Dehydration in Hindi)

डिहाइड्रेशन के घरेलू उपचार के माध्यम से शरीर की पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। निम्नलिखित घरेलू उपाय कारगर साबित हो सकते हैं:

  1. नींबू पानी: नींबू पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं। यह शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है।
  2. नारियल पानी: नारियल पानी में प्राकृतिक शुगर और मिनरल्स होते हैं जो शरीर को तुरंत हाइड्रेट करते हैं और इसे ताजगी प्रदान करते हैं।
  3. मट्ठा (छाछ): मट्ठा या छाछ में मौजूद मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर को हाइड्रेट करने में सहायक होते हैं और इसे गर्मी से बचाते हैं।
  4. ताजे फल: तरबूज, खीरा, संतरा जैसे फलों का सेवन करना पानी की कमी को दूर करने में मदद करता है। इन फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है।
  5. घर का बना ORS: एक चम्मच नमक और 6 चम्मच शक्कर को एक लीटर पानी में मिलाकर तैयार किया गया ORS डिहाइड्रेशन से राहत दिला सकता है।

डिहाइड्रेशन से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव (Side Effect of  Dehydration in Hindi)

डिहाइड्रेशन का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव होता है। पानी की कमी से शरीर के अंगों की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इसके मुख्य प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • त्वचा का लचीलापन कम होना: पानी की कमी से त्वचा सूख जाती है और उसका लचीलापन कम हो जाता है।
  • मानसिक कार्यों में कमी: डिहाइड्रेशन से मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है और सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
  • मांसपेशियों में ऐंठन: शरीर में पानी की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
  • ऊर्जा की कमी: शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है और व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है।

कब चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए?

निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए:

  1. अगर उल्टी या दस्त लगातार हो रहे हैं।
  2. अत्यधिक प्यास लगने के बावजूद पानी पीने पर भी आराम न मिले।
  3. अगर चक्कर आ रहे हों या बेहोशी जैसा महसूस हो।
  4. अगर पेशाब बहुत कम हो या बिल्कुल न हो।

निष्कर्ष (Conclusion)

डिहाइड्रेशन एक गंभीर समस्या हो सकती है लेकिन इसे सही समय पर पहचान कर इसका उपचार किया जा सकता है। शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि पानी हमारे शरीर के हर अंग के लिए आवश्यक होता है। रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करना और शारीरिक गतिविधियों के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखना डिहाइड्रेशन से बचने के सबसे महत्वपूर्ण तरीके हैं।  इसलिए स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली बनाए रखने के लिए अपने शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखें और पानी की कमी से बचें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

क्या डिहाइड्रेशन को रोका जा सकता है?

हां, पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर और शरीर को हाइड्रेट रखकर डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है।

डिहाइड्रेशन में किसकी कमी हो जाती है?

डिहाइड्रेशन में शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, पोटैशियम) की कमी हो जाती है।

डिहाइड्रेशन चेक करने के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है?

डिहाइड्रेशन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट किए जाते हैं जो शरीर में पानी और मिनरल्स के स्तर को मापते हैं।

शरीर सूखने का कारण क्या हो सकता है?

शरीर सूखने का मुख्य कारण पर्याप्त पानी न पीना, गर्मी में अधिक समय बिताना और उल्टी या दस्त जैसी बीमारियों के कारण पानी की कमी हो सकती है।

डिहाइड्रेशन में क्या खाना चाहिए?

डिहाइड्रेशन में नारियल पानी, फलों का रस और हल्का और तरल भोजन लेना चाहिए जो शरीर को हाइड्रेट रखे और मिनरल्स की पूर्ति करे।

पानी की कमी से पेट में क्या होता है?

पानी की कमी से कब्ज, पेट फूलना और पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

पानी की पूर्ति के लिए क्या खाएं?

तरबूज, खीरा और संतरे जैसे फलों का सेवन करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

आपको कैसे पता चलेगा कि आप हाइड्रेटेड हैं?

अगर आपका पेशाब हल्के पीले रंग का हो और आप ताजगी महसूस करें तो इसका मतलब है कि आपका शरीर हाइड्रेटेड है।

क्या डिहाइड्रेशन में केला खा सकते हैं?

हां, केला पोटैशियम से भरपूर होता है जो डिहाइड्रेशन के समय शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने में मदद करता है।

हाइड्रेशन के लिए सबसे अच्छा पेय कौन सा है?

नारियल पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय हाइड्रेशन के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं क्योंकि वे तुरंत शरीर को तरल पदार्थ और मिनरल्स प्रदान करते हैं।


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