भृंगराज, जिसे ‘केशराज’ यानी बालों का राजा भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी मानी जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम Eclipta alba है और यह पौधा मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय (Tropical) और उपोष्णकटिबंधीय (Sub-tropical) क्षेत्रों में पाया जाता है। पारंपरिक रूप से भृंगराज का उपयोग बालों की देखभाल, पाचन सुधार, त्वचा संक्रमण से राहत और यकृत स्वास्थ्य के लिए किया गया है।
इस पौधे के हरे पत्तों और सफेद फूलों से तैयार औषधियाँ जैसे तेल, रस, पाउडर और पेस्ट विभिन्न रूपों में प्रयोग किए जाते हैं। बालों की गुणवत्ता सुधारने और समय से पहले सफेदी रोकने में यह विशेष रूप से लोकप्रिय है।
हालांकि, इसके औषधीय प्रभावों की पुष्टि के लिए और अधिक वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता हो सकती है। किसी भी प्रकार के औषधीय उपयोग से पहले योग्य चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
भृंगराज के फायदे
1. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकता है (Immunity Support)
कुछ अध्ययन और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, भृंगराज में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद कर सकते हैं, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर रह सकता है।
2. कफ और वात विकार में सहायक (Traditional Use in Respiratory & Vata Disorders)
आयुर्वेद में भृंगराज का प्रयोग कफ दोष को शांत करने के लिए किया जाता है। इसे गले की खराश, खांसी और सामान्य श्वसन संबंधी असहजता में सहायक माना गया है।
3. लीवर स्वास्थ्य के लिए उपयोगी (Liver Support)
भृंगराज का रस पारंपरिक रूप से लीवर की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में सहायक माना जाता है। इसे फैटी लीवर और पीलिया जैसी स्थितियों में सहायक माना गया है, हालांकि वैज्ञानिक पुष्टि की आवश्यकता है।
4. त्वचा की देखभाल (Skin Support)
भृंगराज में पाए जाने वाले कुछ तत्वों में जीवाणुरोधी और एंटी-फंगल गुण माने गए हैं। पारंपरिक उपयोग के अनुसार, इसका पेस्ट या रस त्वचा संक्रमणों में राहत देने में उपयोगी हो सकता है।
5. पाचन और कब्ज में सहायता (Digestive Support)
भृंगराज का सेवन भोजन के बाद करने से पाचन में सुधार आ सकता है और यह अपच व कब्ज जैसी समस्याओं में पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता रहा है।
महत्वपूर्ण: यह जानकारी पारंपरिक आयुर्वेदिक संदर्भों और सीमित अध्ययनों पर आधारित है। यह किसी रोग की पुष्टि, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है।
भृंगराज के उपयोग की विधि (Uses of Bhringraj)
भृंगराज (Eclipta alba) एक बहुपयोगी औषधीय पौधा है जिसे आयुर्वेद में बालों, त्वचा और आंतरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोग किया जाता है। इसे विभिन्न रूपों में अपनाया जा सकता है, जैसे कि तेल, पेस्ट, रस, पाउडर, और कैप्सूल।
1. भृंगराज तेल (Bhringraj Oil)
भृंगराज का तेल बालों की देखभाल में पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसे नियमित रूप से स्कैल्प में मालिश करने से बालों की जड़ों को पोषण मिल सकता है और बालों का टूटना कम हो सकता है। यह बालों को मुलायम और चमकदार बनाने में भी सहायक हो सकता है।
2. भृंगराज पेस्ट (Bhringraj Paste)
ताज़ी भृंगराज पत्तियों का पेस्ट त्वचा पर लगाने से पारंपरिक रूप से त्वचा की सफाई और ताजगी बनाए रखने में मदद मिलती है। कुछ लोग इसका उपयोग त्वचा की जलन या खुजली में भी करते हैं, लेकिन संवेदनशील त्वचा वालों को उपयोग से पहले पैच टेस्ट करना चाहिए।
3. भृंगराज रस (Bhringraj Juice)
भृंगराज का जूस पारंपरिक रूप से लीवर स्वास्थ्य और आंतरिक शुद्धिकरण के लिए उपयोग किया गया है। इसे सुबह खाली पेट लेने की सलाह दी जाती है, हालांकि इसके लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श आवश्यक है।
4. भृंगराज पाउडर (Bhringraj Powder)
भृंगराज पाउडर को दिन में 1–2 बार पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है। पारंपरिक रूप से इसे पाचन सुधार और लीवर फंक्शन को सपोर्ट करने के लिए उपयोग किया गया है। इसकी सही मात्रा व्यक्ति की उम्र, प्रकृति और स्थिति पर निर्भर करती है।
5. भृंगराज कैप्सूल (Bhringraj Capsules)
बाज़ार में भृंगराज सप्लीमेंट कैप्सूल के रूप में भी उपलब्ध हैं। इनका उपयोग करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक या हेल्थकेयर प्रोफेशनल की सलाह लेना आवश्यक है, विशेषकर यदि आप किसी दवा का सेवन कर रहे हों।
भृंगराज के नुकसान
अधिक मात्रा या गलत तरीके से सेवन करने पर भृंगराज के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं—
1. लो ब्लड शुगर
डायबिटीज मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बिना इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
2. एलर्जी
कुछ लोगों को इससे स्किन रैश या खुजली हो सकती है।
3. लो ब्लड प्रेशर
BP कम कर सकता है, इसलिए हाइपोटेंशन वाले सावधानी बरतें।
4. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
बिना डॉक्टर की सलाह इसका सेवन न करें।
5. पेट की गड़बड़ी
ज्यादा मात्रा लेने से दस्त या पेट दर्द हो सकता है।
विशेषज्ञ सलाह
“भृंगराज आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा माना जाता है, जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से बालों की देखभाल, लीवर की कार्यक्षमता सुधारने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसे लेने से पहले व्यक्तिगत स्वास्थ्य और संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखते हुए किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है, जिससे उपयोग सुरक्षित और प्रभावी हो सके।”
Dr. Kavya Rejikumar
भृंगराज एक बहुपयोगी औषधीय पौधा है, जिसका पारंपरिक रूप से आयुर्वेद में बालों, त्वचा और यकृत (लीवर) के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उपयोग किया गया है।
इसके तेल, रस, पाउडर और कैप्सूल जैसे विभिन्न रूपों में उपयोग करने के तरीके हैं, जो आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से लाभकारी माने जाते हैं। संतुलित और सावधानीपूर्वक सेवन के साथ, भृंगराज को दैनिक जीवन में शामिल करना समग्र स्वास्थ्य और जीवनशैली को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है।
हालांकि, किसी भी प्रकार के हर्बल सप्लीमेंट या औषधीय पौधे का उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक या चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित रहता है।
भृंगराज से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
हाँ, भृंगराज बालों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और इसका उपयोग बालों की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है।
भृंगराज आमतौर पर चूर्ण के रूप में 2 से 3 ग्राम प्रतिदिन लिया जा सकता है। कैप्सूल या टैबलेट के मामले में पैकेज पर दिए गए निर्देश या चिकित्सक की सलाह का पालन करना चाहिए। खुराक उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और उपयोग के उद्देश्य के अनुसार बदल सकती है, इसलिए लंबे समय तक सेवन शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श लेना उचित है।
हाँ, भृंगराज को आयुर्वेद में त्वचा के लिए लाभकारी माना जाता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को शांत करने, सूजन कम करने और प्राकृतिक निखार बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। हालाँकि, यह त्वचा रोगों का उपचार नहीं है, इसलिए किसी गंभीर समस्या के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है।
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