क्या आप जानते हैं कि कैल्शियम हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है? यह हमारी हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूत बनाने के लिए ज़रूरी है। कैल्शियम एक आवश्यक खनिज है जो हड्डियों और दाँतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह मांसपेशियों, नसों, हृदय और अन्य अंगों के सही ढंग से काम करने के लिए भी ज़रूरी है।
जब शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है तो इससे हड्डियाँ कमज़ोर हो सकती हैं और कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। इसके साथ ही यह कई शारीरिक प्रक्रियाओं पर भी बुरा असर डालती है।
इस ब्लॉग में हम कैल्शियम की कमी के लक्षणों, उनके होने के कारण और इसके इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे।
कैल्शियम की कमी के कारण (Causes of Calcium Deficiency in Hindi)
कैल्शियम का स्तर घटने से शरीर के सामान्य कार्यों में बाधा आ सकती है जिससे हड्डियों, मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कैल्शियम की कमी निमनलखित कारणों से हो सकती है:
1. खराब आहार
कैल्शियम की कमी का एक प्रमुख कारण है कैल्शियम युक्त आहार का न लेना। अब सवाल ये आता है कि सबसे ज्यादा कैल्शियम किसमें होता है ? दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, तिल, सोया उत्पाद और मछली कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ है जिनका सेवन करने से शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है।
2. विटामिन D की कमी
विटामिन D शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। जब शरीर में विटामिन D की कमी होती है तो कैल्शियम को शरीर ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता। इसके कारण कैल्शियम की कमी हो सकती है, भले ही आहार में कैल्शियम की मात्रा ठीक हो।
3. उम्र का बढ़ना
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है शरीर में कैल्शियम का स्तर कम होने लगता है। खासकर महिलाओं को रजोनिवृत्ति के बाद कैल्शियम की कमी का सामना करना पड़ता है। उम्र के साथ हड्डियों में कैल्शियम का टूटना बढ़ सकता है जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
4. दवाइयों का प्रभाव
कुछ दवाइयाँ भी कैल्शियम की कमी का कारण बन सकती हैं। विशेष रूप से स्टेरॉयड और मूत्रवर्धक जैसी दवाइयाँ शरीर से कैल्शियम को बाहर निकाल सकती हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य दवाइयाँ जैसे एंटीबायोटिक्स और एंटीडिप्रेसेंट्स भी कैल्शियम के अवशोषण को प्रभावित कर सकती हैं।
5. ज्यादा नमक और कैफीन का सेवन
ज्यादा नमक और कैफीन का सेवन कैल्शियम की कमी का कारण बन सकता है। अत्यधिक नमक के सेवन से शरीर कैल्शियम को पेशाब के माध्यम से बाहर निकाल देता है। कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन, जैसे चाय , कॉफी और सोडा कैल्शियम के स्तर को घटा सकता है और इसकी कमी उत्पन्न कर सकता है।
शरीर में कैल्शियम की कमी के मुख्य लक्षण (Symptoms of Calcium Deficiency in Hindi)
जब शरीर में कैल्शियम की कमी होती है तो इसके कई शारीरिक और मानसिक लक्षण हो सकते हैं जो शरीर के विभिन्न हिस्सों पर प्रभाव डालते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- हड्डियों में दर्द और कमजोरी : शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं, जिससे दर्द और फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाती है।
- मांसपेशियों में ऐंठन : मांसपेशियों में बार-बार खिंचाव और ऐंठन कैल्शियम की कमी का एक संकेत है।
- दांतों की समस्या: दांतों में दर्द, कैविटी और कमजोर दांत कैल्शियम की कमी के कारण होते हैं।
- नाखूनों और बालों का कमजोर होना : कैल्शियम की कमी से नाखून पतले और टूटने लगते हैं और बाल भी झड़ने लगते हैं।
- थकान और कमजोरी: शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना और जल्दी थक जाना कैल्शियम की कमी के लक्षण हैं।
शरीर में कैल्शियम अधिक होने के लक्षण
शरीर में कैल्शियम की कमी जितनी हानिकारक है उतनी ही कैल्शियम का अधिक होना भी नुकसानदायक है। इस स्थिति को हाइपरकेल्सीमिआ कहते है। कैल्शियम के अधिक होने के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार के हो सकते हैं:
- बार-बार पेशाब आना: अधिक कैल्शियम किडनी पर दबाव डालता है जिससे बार-बार पेशाब आता है।
- अत्यधिक प्यास लगना: बार-बार पेशाब आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे प्यास लगती है।
- पेट से जुड़ी समस्याएं: जैसे कब्ज, मतली, उल्टी, और पेट दर्द।
- हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी: कैल्शियम हड्डियों से निकलने लगता है जिससे वे कमजोर हो जाती हैं।
- मानसिक बदलाव: मानसिक बदलाव जैसे भ्रम, थकान और डिप्रेशन की स्थिति शरीर में हो सकती है।
- हृदय संबंधी समस्याएं: गंभीर मामलों में दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है।
कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग
अधिकतर लोगो का मानना होता है की कैल्शियम की कमी से क्या होता है ? कुछ नहीं। जबकि वह ये नहीं जानते कि कैल्शियम की कमी से कई सारे रोग उत्पन्न होते हैं जो एक व्यक्ति के शरीर के विभिन्न अंगो को प्रभावित करते हैं जो कि निम्नलिखित हो सकते हैं ।
- हृदय संबंधी समस्याएँ : कैल्शियम की कमी से हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है।
- बच्चों में रिकेट्स : बच्चों में कैल्शियम की कमी से हड्डियाँ कमजोर और टेढ़ी हो जाती हैं जिसे रिकेट्स की समस्या कहा जाता है।
- अनिद्रा : कैल्शियम की कमी नींद की समस्या का कारण बन सकती है।
- ऑस्टियोपोरोसिस : कैल्शियम की कमी से हड्डियाँ छिद्रयुक्त और कमजोर हो जाती हैं जिससे ऑस्टियोपोरोसिस होता है।
कैल्शियम की कमी का निदान करने के तरीके
कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारियों के निदान में चिकित्सा इतिहास, शारीरिक जांच और प्रयोगशाला परीक्षणों का संयोजन शामिल है। निदान प्रक्रिया का सारांश कुछ इस प्रकार है:
- रक्त परीक्षण : कमी की पुष्टि के लिए कुल कैल्शियम, आयनित कैल्शियम और एल्बुमिन के स्तर को मापें।
- विटामिन D का स्तर : विटामिन D के स्तर की जाँच करें क्योंकि यह कैल्शियम अवशोषण के लिए आवश्यक है।
- अस्थि घनत्व परीक्षण (डेक्सा स्कैन) : हड्डियों के स्वास्थ्य और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम का आकलन करता है।
- पैराथाइरॉइड हार्मोन (PTH) परीक्षण : यह रक्त में कैल्शियम को नियंत्रित करके PTH के स्तर को मापता है।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) : कम कैल्शियम स्तर के कारण होने वाली किसी भी असामान्य हृदय ताल का पता लगाता है।
कैल्शियम की कमी से बचाव
कैल्शियम की कमी को मामूली कभी न समझे। कुछ निम्नलिखित उपायों को अपनाकर इन इसकी कमी को दूर किया जा सकता है:
- संतुलित आहार लें: कैल्शियम की कमी से बचाव के लिए ऐसे आहार जिनमें इसकी मात्रा अधिक हो जैसे दूध, दही जैसे डेयरी उत्पाद और फल जैसे केला, संतरा इनका सेवन किया जाना चाहिए।
- नियमित स्वास्थ्य जांच:
- समय-समय पर हड्डियों की डेंसिटी की जांच कराएं
- कैल्शियम और विटामिन D के स्तर की जांच ब्लड टेस्ट से कराएं
- धूप में समय बिताएं: दिन में 15-20 मिनट धूप में बिताना विटामिन D का स्तर बढ़ाने के लिए पर्याप्त है।
- खराब आदतों को छोड़ें:
- सिगरेट और शराब का सेवन बंद करें
- कैफीन और सोडा का सेवन सीमित करें
कैल्शियम के लिए क्या खाना चाहिए?
कैल्शियम की कमी को पूरा करने का सबसे अच्छा तरीका है कैल्शियम से भरपूर आहार लेना। आप अपने आहार में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं:
- डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, ब्रोकोली, मेथी, सरसों के पत्ते, आदि।
- नट्स और बीज: बादाम, तिल, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज।
- मछली: सार्डिन, साल्मन और अन्य मछलियों में कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
- सोया उत्पाद: टोफू और सोया दूध भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं।
निष्कर्ष
कैल्शियम हमारे शरीर के लिए जरूरी खनिज है जो हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों की मजबूती बनाए रखता है। कैल्शियम की कमी से हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन और हृदय की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं इसलिए सही आहार और जीवनशैली अपनाकर हम कैल्शियम की कमी के लक्षणों को दूर कर सकते है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
कैल्शियम की कमी से अनिद्रा, हड्डियों में दिक्कत, हृदय से जुडी परेशानियाँ और बच्चो में रिकेट्स की परेशानी हो जाती है।
हड्डियों में कैल्शियम बढ़ाने के लिए कैल्शियम युक्त आहार (दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां) खाएं, विटामिन D लें और नियमित व्यायाम करें।
डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, सोया उत्पाद और मछली खाने से कैल्शियम जल्दी बढ़ता है।
संतरा, कीवी, सूखी अंजीर, पपीता, खुरमानी, स्ट्रॉबेरी आदि जैसे फलों को खाने से कैल्शियम बढ़ता है।
बादाम, तिल, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज में सबसे ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है।
घर पर कैल्शियम का स्तर जाँचने का कोई सटीक तरीका नहीं है। रक्त परीक्षण ही एकमात्र विश्वसनीय तरीका है।
कुछ daal जैसे अरहर, मूंग, मसूर, उड़द और चना कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं।
डेयरी उत्पाद जैसे दूध और दही, फल जैसे केला और संतरा, दाल जैसे अरहर, मूंग, इत्यादि शाकाहारी लोगों के लिए अच्छा विकल्प है।