आई फ्लू होने पर इन बातों का रखें ध्यान, जानिए लक्षण और घरेलू इलाज

आई फ्लू होने पर इन बातों का रखें ध्यान, जानिए लक्षण और घरेलू इलाज

आई फ्लू आंखों की एक सामान्य समस्या है जिसमें आंखों की पारदर्शी परत (कंजंक्टिवा) में सूजन या संक्रमण होता है। इस वजह से इसे कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है। यह स्थिति आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, एलर्जी या रासायनिक जलन के कारण होती है। यह किसी भी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन विशेष रूप से छोटे बच्चे अधिक संवेदनशील होते हैं।

संक्रमण के सामान्य कारण

  • वायरल संक्रमण: जैसे कि एडेनोवायरस, जो सामान्य सर्दी के साथ जुड़ा होता है।
  • बैक्टीरियल संक्रमण: जैसे स्टैफिलोकोकस या स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया।
  • एलर्जी: जैसे कि धूल, या धूम्रपान।
  • रासायनिक जलन: जैसे कि क्लोरीन का संपर्क या अन्य रासायनिक पदार्थ।

आई फ्लू एक अत्यधिक संक्रामक स्थिति है जो सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकती है।

आई फ्लू के लक्षण (Symptoms of Eye Flu)

आई फ्लू के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में अलग हो सकते हैं लेकिन सामान्यतः निम्नलिखित लक्षण देखे जाते हैं:

  • लाल या गुलाबी आंखें: आई फ्लू का सबसे प्रमुख लक्षण आंखों का लाल या गुलाबी होना है। यह लालिमा संक्रमण के कारण होती है और सामान्यतः आंखों की बाहरी सतह पर स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
  • आंखों में खुजली और जलन: संक्रमित व्यक्ति को आंखों में खुजली और जलन का अनुभव हो सकता है, जो अक्सर असहजता का कारण बनती है।
  • आंखों से पानी आना या मवाद: इस संक्रमण में आंखों से पानी निकलता है, और कभी-कभी सफेद या पीले रंग का मवाद भी आता है।
  • पलकों का चिपकना: विशेष रूप से सुबह उठने पर, पलकों का चिपकना और आंखों को खोलने में कठिनाई होना आम है। यह मवाद के सूखने के कारण होता है।
  • धुंधला दृष्टि: संक्रमण के कारण दृष्टि धुंधली हो सकती है, खासकर अगर मवाद आंखों में जमा हो जाए।
  • संवेदनशीलता बढ़ना: आई फ्लू में आंखों की रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है, जिससे उजाले में असहजता महसूस होती है।

इन लक्षणों के साथ यदि कोई व्यक्ति आंखों में अत्यधिक दर्द या दृष्टि में अचानक परिवर्तन अनुभव करता है तो उसे तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।

आई फ्लू के प्रकार (Types of Eye Flu)

आई फ्लू मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं, जो इसके कारणों के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं:

  • बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस: यह संक्रमण बैक्टीरिया के कारण होता है। इसमें आंखों से गाढ़ा, पीला मवाद निकलता है और पलकों का चिपकना आम है। यह बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है और इसे एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
  • वायरल कंजंक्टिवाइटिस: यह वायरस के कारण होता है और अधिकतर मामलों में खुद ही ठीक हो जाता है। इसमें आंखों से साफ पानी निकलता है और सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। यह अत्यधिक संक्रामक होता है और बहुत तेजी से फैलता है।
  • एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस: यह एलर्जी के कारण होता है जैसे पराग, धूल, या पालतू जानवरों के बाल। इसमें आंखों में अत्यधिक खुजली, जलन और पानी निकलना शामिल होता है। इसके लक्षण एलर्जी के संपर्क में आने पर बढ़ जाते हैं।
  • रसायनिक कंजंक्टिवाइटिस: यह रासायनिक पदार्थों के संपर्क में आने से होता है जैसे साबुन, शैंपू, या औद्योगिक रसायन। इसमें आंखों में जलन और दर्द होता है। इसे तुरंत पानी से धोना आवश्यक है।

आई फ्लू के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें (Things to Keep in Mind During Eye Flu)

आई फ्लू के दौरान कुछ सावधानियों का पालन करना आवश्यक है:

  • आंखों को बार-बार छूने से बचें: इससे संक्रमण फैल सकता है।
  • साफ तौलिए और रूमाल का उपयोग करें: आँखों को धोने के लिए इनका इस्तेमाल करे और इन्हें बार बार धोए और व्यक्तिगत वस्त्रों को किसी के साथ साझा न करें क्योंकि यह संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है।
  • व्यक्तिगत वस्त्र और बिस्तर अलग रखें: संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर या तौलिए का उपयोग न करें।
  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें: यदि किसी को आई फ्लू है तो उनसे दूर रहें।
  • हाथों को बार-बार साबुन से धोएं: यह संक्रमण के फैलने से रोकने में मदद करता है।
  • आंखों को रगड़ने से बचें: इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

आई फ्लू के घरेलू इलाज (Home Remedies for Eye Flu)

आई फ्लू के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपाय हैं:

  • ठंडे पानी से आंखों को साफ करना: ठंडे पानी से आंखों को धोने से संक्रमण कम होता है और जलन भी कम होती है।
  • टी बैग्स का उपयोग: ग्रीन टी बैग्स को ठंडा करके आंखों पर लगाने से राहत मिलती है। इसमें सूजनरोधी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं।
  • एलोवेरा जेल का उपयोग: एलोवेरा जेल को आंखों के आस-पास लगाने से जलन और खुजली में राहत मिलती है।
  • गुलाब जल का प्रयोग: गुलाब जल आंखों को ठंडक पहुंचाने और संक्रमण को कम करने में मदद करता है। इसे आंखों में डालने से आराम मिलता है।
  • हल्दी और दूध का मिश्रण: हल्दी और दूध का मिश्रण आंखों के आसपास लगाने से सूजन और संक्रमण में राहत मिलती है।
  • त्रिफला का उपयोग: त्रिफला का काढ़ा बनाकर आंखों को धोने से संक्रमण में राहत मिलती है। इसमें रोग-विनाशक गुण होते हैं।

आई फ्लू से बचाव के उपाय (Prevention of Eye Flu)

आई फ्लू से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करें:

  • व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें: हाथों को नियमित रूप से धोएं और व्यक्तिगत वस्त्र साझा न करें।
  • स्विमिंग पूल में जाने से बचें: क्लोरीन युक्त पानी आंखों को प्रभावित कर सकता है।
  • आंखों की नियमित जांच कराएं: यह किसी भी समस्या का समय पर पता लगाने में मदद करता है।
  • धूप में निकलते समय सनग्लास का उपयोग करें: यह आंखों को धूप और धूल से बचाता है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

यदि निम्नलिखित लक्षणों में सुधार नहीं होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • लक्षणों में सुधार न होने पर: अगर आई फ्लू के लक्षण तीन से चार दिन के बाद भी ठीक नहीं हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हो जाता  है।
  • आंखों में अत्यधिक दर्द होने पर: अगर आंखों में दर्द ज्यादा हो रहा है तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है और डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
  • दृष्टि में अचानक परिवर्तन होने पर: अगर अचानक दृष्टि में धुंधलापन या कोई अन्य समस्या उत्पन्न होती है तो इसे नजरअंदाज नही करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। 
  • लंबे समय तक लक्षण बने रहने पर: अगर लक्षण लंबे समय से बने हुए हैं तो यह संकेत है कि संक्रमण बढ़ गया है और अब डॉक्टर के पास जाकर ही समस्या से छुटकारा मिल सकता है।   

आई फ्लू एक सामान्य लेकिन संक्रामक स्थिति है जो समय पर इलाज और सावधानियों से नियंत्रित की जा सकती है। व्यक्तिगत स्वच्छता और संक्रमण से बचाव के उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है। यदि लक्षण गंभीर होते हैं तो चिकित्सकीय सलाह लेना न भूलें। जागरूकता और समय पर उपचार आई फ्लू के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।


by

Tags: