ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस वह वायरस है जो एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम का कारण बनता है। जब कोई व्यक्ति एचआईवी के लक्षण से संक्रमित होता है, तो यह वायरस शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को हमला करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है। जैसे-जैसे यह प्रणाली कमजोर होती जाती है, व्यक्ति को जानलेवा संक्रमण और कैंसर होने का खतरा होता है। यह वायरस और उसका हमला एड्स का कारण बन जाते है । एक बार जब किसी व्यक्ति में वायरस हो जाता है, तो यह जीवन भर शरीर के अंदर रहता है।
एचआईवी क्या है? (What is HIV in Hindi)
एचआईवी, यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस, एक ऐसा वायरस है जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। यह वायरस आपके शरीर की उन कोशिकाओं पर हमला करता है जो आपको बीमारियों से बचाने का काम करती हैं- जैसे की वाइट ब्लड सेल्स । समय के साथ, एचआईवी संक्रमण एड्स में बदल सकता है।
एड्स क्या है? (What is Aids in Hindi)
एड्स, यानी एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम, एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है। जब एचआईवी आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह से कमजोर कर देता है, तब एड्स होता है। एड्स होने पर आप बहुत सारी बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं, क्योंकि आपका शरीर उनसे लड़ने में सक्षम नहीं होता है।
एचआईवी कैसे फैलता है?
एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो एड्स सहित कई अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। एचआईवी का इलाज जानने से पहले यह जानना जरुरी है की एचआईवी के लक्षण फैलते कैसे है ? एचआईवी वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इन तरीकों से फैलता है:
- यौन संपर्क (विषमलैंगिक और समलैंगिक)
- संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आना (सुइयों का साझा उपयोग, रक्त आधान , स्वास्थ्य देखभाल कर्मी को सुई से चोट लगना)
- माँ से शिशु तक
एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में वायरस हो सकता है लेकिन वह स्वस्थ दिखाई देता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एड्स के लक्षण को और एचआईवी वायरस को शरीर पूरी तरह से नुकसान पहुँचाने में कई महीने और यहाँ तक कि साल भी लग जाते हैं कि वह बीमार हो जाए।
एड्स एचआईवी पॉजिटिव के लक्षण क्या है?
एचआईवी के लक्षणों के बारे में अक्सर लोगों में बहुत सारी उलझन होती है। कई लोगों को लगता है कि एचआईवी होने पर तुरंत ही गंभीर लक्षण दिखाई देंगे, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है।
अक्सर, एचआईवी संक्रमण के शुरुआती चरण में फ्लू जैसे हल्के लक्षण दिखाई देते हैं। ये लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 2 से 6 सप्ताह के भीतर शुरू हो जाते हैं।कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- बुखार: शरीर का तापमान बढ़ जाना
- ठंड लगना: कंपकंपी होना
- गले में खराश: गला खराब होना
- मांसपेशियों में दर्द: शरीर में दर्द होना
- शरीर पर चकत्ते: त्वचा पर लाल दाने
- रात में पसीना आना: रात के समय अत्यधिक पसीना आना
- थकान: हमेशा थका हुआ महसूस होना
- जोड़ों में दर्द: जोड़ों में दर्द होना
- ग्रंथियों में सूजन: गर्दन, बगल या कमर में गांठें महसूस होना
महिलाओं में एड्स के लक्षण: (AIDS Symptoms in Women in Hindi)
महिलाओं में एड्स के लक्षण उनके शारीरक और प्राकृतिक बदलाव से अनुमानित किए जाते है। जैसे की:
- अनियमित माहवारी साइकिल
- वजन में कमी / भूख लगने में प्रतिकूलता
- पेट में समस्या बने रहना
- बुखार रहना
- स्तन में अंदरूनी सूजन होना
- शरीर मे लाल चकत्ते होना
पुरुषों में एचआईवी के लक्षण (AIDS Symptoms in Men in Hindi)
पुरुषों में एड्स के लक्षण उनके आंतरिक बदलाव से अनुमानित किए जाते है।
- टेस्टिकल्स में दर्द महसूस होना
- प्रोस्टेट ग्लैंड में सूजन
- पेनिस एरिया में सूजन
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
- इनफर्टिलिटी की समस्या
- रेक्टम और टेस्टिकल्स की थैली में दर्द
- हाइपोगोनैडिज्म के लक्षण महसूस होना
एचआईवी के कारण क्या है? (HIV Causes in Hindi)
एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो पहले चिंपैंजी में था और फिर इंसानों में फैल गया। यह एक इंसान से दूसरे इंसान में कई तरीकों से फैल सकता है, जैसे कि:
- रक्त संचरण – कुछ मामलों में एचआईवी वायरस रक्त संचरण के माध्यम से भी फैलता है।
- असुरक्षित यौन संबंध – यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं, तो आप संक्रमित हो सकते हैं। वेजाइनल, एनल या ओरल यौन संबंध बनाने से यह संक्रमण फैल सकता है।
- इंजेक्शन/सुई साझा करना – एचआईवी संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल की गई सुई को किसी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के साथ साझा करने से भी यह संक्रमण फैल सकता है।
- गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान द्वारा – यदि कोई महिला एचआईवी संक्रमित है तो वह स्तनपान, प्रसव या गर्भावस्था द्वारा अपने बच्चे को भी संक्रमित कर सकती है।
एचआईवी एड्स होने का जोखिम किसे ज्यादा है?
- जो लोग नशीली दवाओं का इंजेक्शन लेते हैं
- जिन लोगों का यौन साथी एचआईवी पॉज़िटिव है
- जो लोग असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं
- जिन लोगों के कई यौन साथी होते हैं
- जिन लोगों को यौन संचारित रोग (एसटीडी) है
एचआईवी का टेस्ट कब करना चाहिए?
दरअसल, जब कभी-भी किसी व्यक्ति को लगे कि वह जोखिम के संपर्क में आ गया है, तो वह 3 से 4 सपताह बाद एचआईवी टेस्ट के लिए जा सकता है। क्योंकि जब एचआईवी वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है तो विंडो पीरियड का प्रतिक्षा करना होता है, विंडो पीरियड वह समय होता है जब वायरस इंफेक्शन सतह पर आ जाते हैं। इससे पहले टेस्ट करवाने पर सटीक परिणाम नहीं मिल पाता है।
एचआईवी का इलाज (HIV Treatment in Hindi)
- दवाओं के प्रकार: एचआईवी के लिए मुख्य रूप से दो तरह की दवाएं हैं: गोलियां और इंजेक्शन।
- गोलियां: ज्यादातर लोगों के लिए गोलियां ही सबसे पहले विकल्प होती हैं। कई तरह की गोलियां उपलब्ध हैं जो एक साथ ली जा सकती हैं।
- इंजेक्शन: कुछ लोगों के लिए इंजेक्शन भी एक विकल्प हो सकता है। ये इंजेक्शन महीने में एक बार या दो बार दिए जाते हैं।
- टीके: कुछ विशेष परिस्थितियों में एचआईवी के लिए टीके भी उपलब्ध हो सकते हैं।
- टीके लगवाने के लिए शर्तें: टीके लगवाने के लिए कुछ शर्तें होती हैं जैसे कि लगातार तीन महीने तक वायरस का स्तर कम रहना चाहिए और आपको इंजेक्शन वाली दवा से एलर्जी नहीं होनी चाहिए।
- नियमित जांच: टीके लगवाने के लिए आपको नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना होगा।
एचआईवी संक्रमण की रोकथाम कैसे करें? (Prevention of HIV in Hindi)
- रोकथाम मुख्य रूप से एचआईवी को फैलने से रोकने के उपायों पर आधारित है, जैसे कंडोम या एकल-उपयोग वाली सुइयों का उपयोग। वर्तमान में कोई प्रभावी एचआईवी टीका उपलब्ध नहीं है।
- प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस संक्रमण के जोखिम वाले विशिष्ट लोगों के लिए आरक्षित है। इसमें एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए दवा लेना शामिल है।
- प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस को यदि निर्धारित तरीके से लिया जाए तो यह अत्यधिक प्रभावी है, जिससे यौन संबंध से एचआईवी संक्रमण का जोखिम लगभग 99% और सुई साझा करने से कम से कम 74% कम हो जाता है।
- उच्च जोखिम वाले व्यवहार के बाद निर्धारित अनुसार पोस्ट-एक्सपोजर एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी लेने से रक्त में वायरस का स्तर पता न चल पाने वाले स्तर तक कम हो जाता है, जिससे संक्रमण का जोखिम काफी हद तक सीमित हो जाता है।
निष्कर्ष
एचआईवी एक प्रकार का वायरस है, जो आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। यही वायरस आगे चलकर एड्स का कारण बनता है। जिससे बचने का एक मात्र उपाय एड्स के प्रति जागरूक रहना है। इसके सामान्य लक्षण आम फ्लू जैसे होते हैं, जैसे- बुखार, गले में खरास, ग्रंथियों में सूजन, ज्वाइंट पेन, थकान, इत्यादि। इसका मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध बनाना, एक ही इंजेक्शन का कई लोगों में प्रयोग करना, इत्यादि है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
पुरुषों में एचआईवी के लक्षणों में टेस्टिकल्स में दर्द, प्रोस्टेट ग्लैंड में सूजन, पेनिस क्षेत्र में सूजन, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। ये लक्षण समय के साथ विकसित होते हैं और उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
घर पर एचआईवी का सटीक पता लगाना मुश्किल है। कुछ होम टेस्ट किट उपलब्ध हैं, लेकिन इनकी सटीकता प्रयोगशाला परीक्षणों जितनी नहीं होती। यदि आपको लगता है कि आप एचआईवी के जोखिम में हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
महिलाओं में एचआईवी मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंधों से होता है। इसके अलावा, संक्रमित सुई साझा करने या संक्रमित रक्त चढ़ने से भी एचआईवी हो सकता है। गर्भवती महिला से बच्चे में भी एचआईवी संक्रमित हो सकता है।
एड्स एक बार संक्रमित होने पर होता है, बार-बार यौन संबंध बनाने से नहीं। एचआईवी वायरस एक बार शरीर में प्रवेश करने के बाद धीरे-धीरे बढ़ता है और अंततः एड्स का कारण बन सकता है।
कंडोम एचआईवी संक्रमण के खतरे को काफी कम कर देता है, लेकिन यह 100% सुरक्षित नहीं है। सही तरीके से इस्तेमाल किए जाने पर कंडोम एचआईवी संक्रमण से बचाने में बहुत प्रभावी होते हैं।
एड्स होने की सबसे महत्वपूर्ण वजह होती है – एचआईवी वायरस का संक्रमण। यह वायरस एक बार शरीर में प्रवेश कर जाए तो उसके बाद यह मनुष्य के शरीर को खोखला बना देता है।
यदि आपको लगता है कि आप एचआईवी के संपर्क में आए हैं, तो जितनी जल्दी हो सके टेस्ट करवा लेना चाहिए। शरीर में एचआईवी एंटीबॉडी बनने में कुछ समय लगता है, तब तक आप डॉक्टर की सलाह ले सकते है।
एचआईवी के लक्षणों से संक्रमित व्यक्ति की जीवन की सीमा कई एचआईवी के कारणों पर निर्भर करती है, जैसे कि इलाज की उपलब्धता, व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति और जीवनशैली। आजकल उपलब्ध एंटीरेट्रोवायरल दवाओं के कारण एचआईवी संक्रमित व्यक्ति लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
हाँ, एचआईवी से बचा जा सकता है। सुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुईयों का प्रयोग न करना, और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना एचआईवी से बचाव के महत्वपूर्ण तरीके हैं।