How to Cure Gas and Constipation in Hindi

गैस और कब्ज कैसे ठीक करें जानें, इसके घरेलू उपचार

हमारे पूरे शरीर में पाचन का साथी – हमारा पेट सबसे संवेदनशील अंग होता है। हम कुछ भी गलत खाएँ या जीवनशैली में लापरवाही बरते, तो इसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर होता है। इसके परिणामस्वरूप या तो कब्जी हो जाती है या फिर दस्त लगने की समस्या हो जाती है। आज के इस ब्लॉग में हम पेट में गैस और कब्ज के बारें में जानेंगे, साथ ही हम जानेंगे पेट में गैस के लक्षण के बारे में, इसके कारण, इसके उपचार, कब्ज का इलाज और कब्ज के लक्षण और जानेंगे कि यह किस प्रकार से हमारे जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।

कब्ज क्या होता है? (What is Constipation)

कब्ज एक सामान्य पाचन समस्या है, जिसमें सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग होना, मल का सूखा, कठोर या गांठदार होना, मल त्याग में कठिनाई या दर्द होना, या ऐसा महसूस होना कि पेट पूरी तरह साफ नहीं हुआ है, शामिल हो सकता है। अच्छी बात यह है कि अक्सर इसे सही आहार, पर्याप्त पानी पीने और नियमित जीवनशैली अपनाकर रोका या मैनेज किया जा सकता है।

पेट में गैस बनने के लक्षण 

पेट में गैस के लक्षण निम्नलिखित तरीकों से पता लगाया जा सकता है:

  • पेट फूलना: पेट का आकार बढ़ जाना और भरा हुआ महसूस होना।
  • दर्द: पेट में दर्द, ऐंठन या बेचैनी होना।
  • गैस पास होना: बार-बार गैस निकलना।
  • डकार आना: बार-बार डकार आना।
  • पेट में आवाज: पेट में गड़गड़ाने की आवाज आना।
  • कब्ज या दस्त: मल त्याग की आदतों में बदलाव।
  • थकान: कमजोरी और थकावट महसूस होना।

क्या गैस और पेट फूलने में कोई अंतर है? (Difference Between Gas and Bloating)

गैस और पेट फूलने में कुछ ख़ास अंतर नहीं होता है लेकिन इनके अनुभव और इलाज में अंतर होता है।  

कारक पेट में गैस पेट फूलना 
उत्पन्न होने का कारण पाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी   जब पेट की गैस बाहर नहीं निकल पाती 
मुख्य कारण असंतुलित आहारखाते/ पीते समय हवा निगलने से 
अन्य कारण बिना पेट फूले भी गैस उत्पन्न होती है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल पथ पर गैस के जमा होने से 

कब्ज, गैस और पेट फूलने का क्या कारण है? (Causes of Constipation, Gas, and Bloating)

कब्ज, गैस और पेट फूलने के कई कारक हो सकते हैं जो कि भोजन, जीवनशैली और स्वास्थ्य से जुड़े होते हैं। कुछ मुख्य कारण जैसे खानपान में फाइबर की कमी, तनाव, पानी का कम सेवन, कुछ दवाएं और पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।

1. भोजन से जुड़ी आदतें (Eating Habits)

पाचन तंत्र का सीधा जुड़ाव भोजनशैली और खान-पान की आदतों से होता है। अगर हम भोजन से जुडी आदतें सुधर ले और सावधानी बरतें तो पेट में दर्द के लक्षणों को नियंत्रित कर सकते है। निम्नलिखित भोजन-शैली के कारण ये समस्या हो सकती है:

  • खाद्य पदार्थ को पचाने में समस्या 
  • आहार में फाइबर की कमी होना 
  • अपर्याप्त तरल पदार्थ
  • गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थइसमें बीन्स, गोभी, फूलगोभी, डेयरी (यदि लैक्टोज असहिष्णु हैं) और कार्बोनेटेड पेय शामिल हैं
  • अत्यधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थ से नुक्सान 
  • इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम

2. जीवनशैली से जुड़े कारण (Lifestyle-Related Causes)

खराब जीवनशैली भी पेट में गैस बनने की समस्या का कारण होती हैं। जीवनशैली में निम्नलिखित बदलाव पेट में गैस और कब्ज की समस्या का कारण होते हैं:

  • जीवनशैली में बदलाव जैसे कि बुढ़ापा या प्रेगनेंसी
  • गतिहीन आदतें और बाथरूम में देरी से जाने
  • दवाइयों का सेवन
  • व्यायाम न करना
  • डेयरी उत्पाद के प्रति एलर्जी 
  • हाइपोथायरायडिज्म
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं
  • उन्नत जीवाणु प्रसार (एसआईबीओ) या आंत संक्रमण भी इसमें शामिल हो सकते हैं

3. स्वास्थ्य से जुड़े कारण (Health-Related Causes)

गैस की समस्या का कारण शरीर में हो रहे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी हो सकती है। निम्नलिखित स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कई बार कब्ज का लक्षण या पेट में गैस बनने कारण हो सकती है:

  • गैस एवं संक्रमण
  • आंतो  में बैक्टीरिया  
  • छोटी आंत में बैक्टीरिया 
  • स्त्रीरोग संबंधी विकार
  • कब्ज़
  • आंतों की समस्याएं
  • अनियमित पाचन 

पेट फूलने, गैस और कब्ज के लक्षण (Symptoms of Bloating, Gas, and Constipation)

पेट फूलना, गैस और कब्ज के कुछ आम लक्षण होते है, जिन्हें नीचे सूचीबद्ध किया गया है:

  • मल त्याग करने में दिक्कत 
  • सख्त या कठोर मल होना 
  • मल में खिंचाव
  • मलाशय में रुकावट की अनुभूति 
  • मल का मलाशय में मौजूद होने का अनुभव 
  • चिपचिपा, कठोर या सूखा मल पास होना 
  • पेट सामान्य से अधिक बड़ा या भरा हुआ महसूस होता है
  • पेट में दर्द या पीड़ा या ऐंठन का अनुभव होता है
  • पेट में गुड़गुड़ा होना
  • सामान्य से अधिक गैस पास होना

गैस से होने वाले दर्द के लक्षण क्या है? (Symptoms of Gas Pain)

गैस से होने वाले दर्द आमतौर पर सामान्य दर्द की तुलना में अलग हो सकता है। अगर शरीर में निम्नलिखित समस्याएं महसूस हो तो वो गैस से संबंधित समस्या हो सकती है:

  • अचानक दर्द उठना 
  • पाचन तंत्रिका में हवा फसना 
  • आंतो में सूजन 
  • पेट में ऐठन या सुई जैसी चुभन 
  • पेट के निचले हिस्से में असहनीय मरोड़े 
  • खट्टी डकारे या बदबूदार गैस पास होना 

गैस के साथ कब्ज के कारण (Causes of Gas with Constipation)

गैस और कब्ज दोनों ही पाचन तंत्र से जुड़ी आम समस्याएं हैं। इनके कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • फाइबर की कमी:भोजन में फाइबर की कमी से मल कठोर हो जाता है और आंतों में गति कम हो जाती है ।
  • पानी की कमी:पर्याप्त पानी न पीने से भी मल कठोर होता है और कब्ज होती है।
  • खाद्य पदार्थ: कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि डेयरी उत्पाद, ग्लूटेन, शराब आदि कुछ लोगों में गैस और कब्ज पैदा कर सकते हैं।
  • पाचन तंत्र की समस्याएं: इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) जैसी पाचन तंत्र की समस्याएं भी गैस और कब्ज का कारण बन सकती हैं।

पेट फूलने, गैस और कब्ज का इलाज क्या है? (Treatment for Bloating, Gas, and Constipation)

पेट फूलने, गैस और कब्ज का इलाज अधिकतर सामान्य तरीकों से हो जाता है। इस समस्या के उपाय के लिए विभिन्न तरीके जैसे घरेलू उपाय, आहार में बदलाव और जीवनशैली में बदलाव जैसे योग-व्यायाम को अपनाकर किया जा सकता है।

1. घरेलू उपाय

  • अजवाइन का पानी: अजवाइन के पानी को गर्म करके पीने से पेट की गैस और दर्द में आराम मिलता है।
  • जीरा: जीरा पाचन को बेहतर बनाता है और गैस को कम करता है। 
  • सौंफ: सौंफ पेट की गैस और कब्ज को दूर करने में मदद करती है। 
  • पुदीना: पुदीना पेट की मांसपेशियों को आराम देता है और गैस को कम करता है। 
  • हल्दी: हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो पाचन को बेहतर बनाते हैं। 

2. आहार एवं जीवनशैली में बदलाव

  • फाइबर युक्त आहार: फाइबर से भरपूर आहार जैसे फल, सब्जियां, दालें और अनाज खाएं।
  • पानी का सेवन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
  • शौचालय की दिनचर्यानाश्ते के 15-45 मिनट बाद उचित मुद्रा (पैरों को ऊपर उठाकर) के साथ मल त्यागने का प्रयास करें।
  • गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों से बचें: बीन्स, गोभी, फूलगोभी, कार्बोनेटेड पेय आदि से बचें।
  • डेयरी उत्पाद: अगर आपको डेयरी उत्पादों से गैस होती है तो इनका सेवन कम करें।
  • छोटे-छोटे भोजन: दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाएं।

3. योग और व्यायाम:

  • अनुलोम-विलोम: यह प्राणायाम पेट की गैस को कम करने में मदद करता है।
  • भुजंगासन: यह आसन पाचन को बेहतर बनाता है।
  • पवनमुक्तासन: यह आसन पेट की गैस को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • वॉकिंग: रोजाना टहलना पाचन को बेहतर बनाता है।
  • योग: नियमित रूप से योग करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।

4. घरेलू उपचार और हर्बल सहायता

जीरा + सौंफ + धनिया चाय: 1 चम्मच जीरा, सौंफ और धनिया को मिलाकर घर पर बनाई गई चाय को 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकाने से कुछ ही घंटों में सूजन से राहत मिली और मल त्याग में आसानी हुई।

बी. हल्दी (कर्क्यूमिन) + सौंफ़ आवश्यक तेल: उच्च जैवउपलब्धता फॉर्मूलेशन (जैसे, एंटरोफिटोल®) ने आईबीएस-एसएसएस स्कोर को काफी कम कर दिया (~ 50% कमी बनाम प्लेसीबो के साथ ~ 26%) और 4-8 सप्ताह में जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ | करक्यूमिन सूजनरोधी प्रभाव प्रदान करता है, जबकि सौंफ़ का एनेथोल आंतों की मांसपेशियों को आराम देता है

सी. अलसी: घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का एक समृद्ध स्रोत; अध्ययनों (जैसे, 2021 के आसपास) ने सुझाव दिया कि अलसी कब्ज के लिए प्रभावी और अच्छी तरह से सहनीय हो सकती है 

डी. प्रून्स और साइलियम बनाम कीवीफ्रूट: आलूबुखारा और साइलियम दोनों ने कब्ज में प्रभावी रूप से सुधार किया; हालांकि, कीवी फल से रोगी की संतुष्टि अधिक थी और सूजन संबंधी दुष्प्रभाव कम थे |

पेट में गैस बनने से बचने के उपाय (Prevention of Gas & Constipation)

  • ध्यान से खाएं: भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाएं।
  • फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ: धीरे-धीरे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं
  • कार्बोनेटेड पेय: सोडा, बीयर आदि से बचें। इनमें कार्बन डाइऑक्साइड होती है जो पेट में गैस बनाती है। 
  • दूध और डेरी उत्पाद: यदि आपको डेयरी उत्पाद से एलर्जी  है तो दूध और डेरी उत्पादों को सीमित करें। 
  • तनाव कम करें: योग, ध्यान या अन्य तनाव कम करने वाली गतिविधियां करें । 
  • पानी पीएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। 
  • खाने के बाद टहलें: खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलें। 

डॉक्टर से कब संपर्क करें

यदि गैस, पेट फूलने की समस्या और कब्ज से आप अत्यधिक परेशान हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है। आपको इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम जैसी अंतर्निहित चिकित्सीय स्थिति भी हो सकती है। हालांकि यह एक पुरानी स्थिति है। इसे जीवनशैली में बदलाव और दवा से नियंत्रित किया जा सकता है।

  • 3 सप्ताह से ज्यादा कब्ज, गैस की बीमारी रहे तो डॉक्टर को जरूर दिखाए और चेकअप करवाए। 
  • यदि आंतो की गैस की दिक्कत है तो आहार में बदलाव करें और तुरंत  चिकित्सक को दिखाए। 

निष्कर्ष

पेट में गैस के लक्षण होना या कब्ज के लक्षण होना आम समस्याएं हैं जो खान-पान की आदतों, जीवनशैली और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं के कारण हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए संतुलित फाइबर युक्त आहार, पर्याप्त पानी पीना और नियमित व्यायाम करना बहुत जरूरी है। अगर ये समस्याएं लगातार बनी रहती हैं तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। याद रखें, स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए स्वस्थ जीवनशैली बहुत जरूरी है।

विशेषज्ञ उद्धरण

गैस और कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो ‘अग्नि’ (पाचन अग्नि) की असंतुलन मुख्य कारण होता है। नियमित दिनचर्या, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और रोज़ाना हल्की कसरत या टहलना जैसे साधारण जीवनशैली बदलाव गैस और कब्ज की समस्या को मैनेज करने में प्रभावी हो सकते हैं। इसबगोल जैसे प्राकृतिक विकल्प नियमित सेवन से पाचन तंत्र को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं।

-Dr. Kavya Rejikumar

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

पेट में गैस बनने की पहचान कैसे करें?

पेट में गैस बनने के कुछ आम लक्षण है – ब्लोटिंग, फ्लैटुलेन्स और कब्जी।

पेट की गैस को जड़ से खत्म कैसे करें?

फाइबर युक्त खाना , संतुलित आहार और तनाव रहित जीवनशैली की सहायता से पेट की गैस को जड़ से खत्म कर सकते है।

पेट में गैस बनने पर कहाँ दर्द होता है?

सबसे पहले पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है, फिर पसलियों के निचे और नाभि के पास दर्द के कारण अकड़न होती है।

पेट में गैस को तुरंत कैसे ठीक करें?

अजवाइन , जीरा और सौंफ का पानी , या हल्का गरम पानी पेट की गैस में फायदेमंद साबित होते है।

कब्ज की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

कब्ज की दवा सभी की लिए अलग होती है उनके शरीर के अनुसार। इस स्तिथि में डॉक्टर की सलाह लेना या आयुर्वेदिक उपचार का सहारा लेना चाहिए।

तुरंत कब्ज तोड़ने के उपाय?

तुरंत कब्ज तोड़ने के लिए हलका गरम पानी या ठंडी दही खाने की सलाह दी जाती है।

कब्ज की मालिश कहां करें?

कब्ज में पेट की मालिश करना काफी आरामदायक होता है।

पेट में अधिक गैस बनने का क्या कारण है?

खान-पान में लापरवाही , पाचन तंत्र में समस्या, अधिक तनाव या कुछ दवाओं का सेवन पेट में अधिक गैस बनने का मुख्य कारण हो सकता है।

संदर्भ सूची

  • National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases. (n.d.). Constipation. U.S. Department of Health and Human Services. Retrieved June 19, 2025, from https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/constipation.uptodate.com
  • 2. Portincasa, P., Bonfrate, L., Scribano, M. L. L., Kohn, A., Caporaso, N., Festi, D., Campanale, M. C., Di Rienzo, T., Guarino, M., Taddia, M., Fogli, M. V., Grimaldi, M., & Gasbarrini, A. (2016). Curcumin and fennel essential oil improve symptoms and quality of life in patients with irritable bowel syndrome. Journal of Gastrointestinal and Liver Diseases, 25(2), 151–157. https://doi.org/10.15403/jgld.2014.1121.252.ccm
  • 3. Attaluri, A., Donahoe, R. A., Valestin, J., & Rao, S. S. C. (2011). Dried plums (prunes) vs. psyllium for constipation: A randomized controlled trial. Nutrition & Metabolism, 8(1), 1–6. https://doi.org/10.1186/1743-7075-8-48
  • 4. Caponio, V. C. A., Gasbarrini, G., Portincasa, P., & Festi, D. (2018). Efficacy of bio‑optimized extracts of turmeric and essential fennel oil in patients with irritable bowel syndrome: Real-life study. Acta Biomedica, 89(S9), 61–67. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30386118/

by

Tags: