पेट में संक्रमण (जिसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस या ‘पेट का फ्लू’ भी कहा जाता है) एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली स्वास्थ्य स्थिति है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यदि इसका समय पर उचित उपचार न किया जाए, तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है, जिससे शरीर में पानी की गंभीर कमी (डिहाइड्रेशन) हो सकती है [1]। इस संक्रमण के लक्षणों, कारणों और उपचार के विकल्पों को समझना आवश्यक है ताकि समय रहते सही कदम उठाए जा सकें और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बचा जा सके। इस लेख में हम पेट के संक्रमण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे जो इस स्थिति को पहचानने और उससे निपटने में आपकी मदद कर सकती है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट में संक्रमण) क्या है? (What is Gastroenteritis in Hindi)
पेट में संक्रमण, जिसे चिकित्सकीय भाषा में गैस्ट्रोएंटेराइटिस कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें पेट और आंतों (gastrointestinal tract) की अंदरूनी परत में सूजन आ जाती है। यह सूजन आमतौर पर वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी या फंगल संक्रमण के कारण होती है [2]।
यह संक्रमण हल्का भी हो सकता है और गंभीर भी, और इसकी मुख्य वजहें दूषित भोजन, अशुद्ध पानी या व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी होती है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षणों में अक्सर तीव्र दस्त, पेट में मरोड़ या दर्द, उल्टी और कभी-कभी बुखार शामिल होते हैं। यदि इस समस्या का समय पर उपचार न किया जाए, तो यह शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) और अन्य जटिलताओं का कारण बन सकती है, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कारण (Causes of Gastroenteritis in Hindi)
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के प्रमुख कारण:
- अस्वच्छ भोजन और पानी का सेवन: दूषित खाद्य पदार्थों या पानी के माध्यम से हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस पेट में प्रवेश कर सकते हैं।
- वायरल संक्रमण: नॉरोवायरस और रोटावायरस जैसे वायरस गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सबसे आम कारण हैं [3]। ये वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति या सतह के संपर्क में आने से फैलते हैं।
- फैक्ट और फिगर: रोटावायरस बच्चों में गंभीर दस्त का एक प्रमुख कारण है, लेकिन टीकाकरण ने इसके मामलों में काफी कमी (लगभग 80% तक) लाई है| [1]
- बैक्टीरियल संक्रमण: ई. कोलाई (E. coli), सल्मोनेला (Salmonella), और शिगेला (Shigella) जैसे बैक्टीरिया अधपके मांस, अंडे या दूषित खाद्य सामग्री के जरिए संक्रमण फैला सकते हैं।
- आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन (Dysbiosis): लंबे समय तक एंटीबायोटिक के प्रयोग से पेट के अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे संक्रमण (जैसे Clostridium difficile) की आशंका बढ़ जाती है।
- परजीवी संक्रमण (Parasitic Infections): गिआर्डिया (Giardia) जैसे परजीवी भी दूषित पानी के माध्यम से संक्रमण फैला सकते हैं।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण (Symptoms of Gastroenteritis in Hindi)
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण बहुत ही परेशान करने वाले हो सकते हैं और इनमें से कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:
- पेट में दर्द और ऐंठन: संक्रमण के कारण पेट के निचले हिस्से में तेज़ या रुक-रुक कर दर्द हो सकता है।
- दस्त (Diarrhea): पतले और पानी जैसे दस्त आना संक्रमण का मुख्य लक्षण है। कुछ मामलों में दस्त में बलगम या खून भी मिल सकता है।
- उल्टी और मतली (Nausea & Vomiting): जी मिचलाना और उल्टी आना शरीर की प्रतिक्रिया होती है, जो संक्रमण को बाहर निकालने की कोशिश करता है।
- बुखार (Fever): शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जो संक्रमण से लड़ने की स्वाभाविक प्रतिरक्षा प्रक्रिया का संकेत होता है।
- डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण): बार-बार दस्त और उल्टी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे होंठ सूखना, पेशाब कम या गहरे रंग का होना, और चक्कर आना जैसी समस्याएँ होती हैं।
- भूख न लगना (Loss of Appetite): पाचन तंत्र पर असर पड़ने के कारण खाने की इच्छा कम हो जाती है।
छोटे बच्चों और शिशुओं में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण
बच्चों में संक्रमण के लक्षण वयस्कों से अधिक तेज़ी से गंभीर हो सकते हैं, खासकर डिहाइड्रेशन के मामले में। निम्नलिखित लक्षणों पर तुरंत ध्यान दें:
- तेज बुखार और चिड़चिड़ापन: बच्चा सामान्य से अधिक रो सकता है या चिड़चिड़ेपन का संकेत दे सकता है।
- सुस्ती और ऊर्जा की कमी: बच्चा सामान्य से अधिक थका हुआ लग सकता है और खेलने में रुचि कम हो सकती है।
- डिहाइड्रेशन के गंभीर संकेत: जैसे होंठों का अत्यधिक सूखना, 3 घंटे या उससे अधिक समय तक पेशाब न आना, रोने पर आंसू न आना, या आँखों का धँस जाना—ये संकेत तत्काल ध्यान देने योग्य हैं।
यदि बच्चा 24 घंटे से अधिक दस्त या उल्टी आने से परेशान हो, अत्यधिक सुस्त लगे, या पेशाब बहुत कम हो, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना आवश्यक होता है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस का निदान (Diagnosis of Gastroenteritis)
यदि आपको बार-बार पेट दर्द, दस्त, उल्टी, बुखार या जी मिचलाहट की शिकायत हो रही है, तो यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है।
ऐसे में घरेलू उपाय करने के बजाय डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक होता है। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर निम्न परीक्षणों की सलाह दे सकते हैं:
- मल की जाँच (Stool Test): संक्रमण पैदा करने वाले विशिष्ट बैक्टीरिया, वायरस या परजीवियों की पहचान करने के लिए यह प्राथमिक जाँच है।
- रक्त परीक्षण (Blood Test): यह जाँच डिहाइड्रेशन की सीमा और शरीर में संक्रमण की गंभीरता को मापने में मदद कर सकती है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के दौरान आहार (Diet During Gastroenteritis)
पेट के संक्रमण के दौरान ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो हल्के और आसानी से पचने वाले हों, जैसे BRAT आहार (केला, चावल, सेब की चटनी, टोस्ट) [2]।
क्या खाना चाहिए?
- ओरल रिहाइड्रेशन घोल (ORS): यह डिहाइड्रेशन को रोकने और इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई का सबसे प्रभावी तरीका है।
- केला और चावल: ये आसानी से पच जाते हैं और दस्त को बांधने में मदद करते हैं।
- दही (Probiotics): इसमें पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स (अच्छे बैक्टीरिया) पाचन तंत्र के प्राकृतिक संतुलन को बहाल करने में सहायक हो सकते हैं।
- सूप और दाल का पानी: ये तरल पदार्थ खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स और पोषण प्रदान करते हैं।
इन खाद्य पदार्थों से बचें
- मसालेदार और तला हुआ खाना: ये पेट की परत में जलन और असहजता को बढ़ा सकते हैं।
- कैफीन और शराब: ये डिहाइड्रेशन को बढ़ा सकते हैं।
- अत्यधिक मीठे पेय: सोडा और फलों का रस दस्त को और खराब कर सकते हैं क्योंकि वे आंतों में पानी खींचते हैं।
- दूध और डेयरी उत्पाद (यदि असहिष्णुता हो): कुछ लोगों में संक्रमण के दौरान लैक्टोज असहिष्णुता अस्थायी रूप से बढ़ सकती है, इसलिए सावधानी से लें।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस का उपचार (Gastroenteritis Treatment)
गैस्ट्रोएंटेराइटिस का प्राथमिक लक्ष्य डिहाइड्रेशन को रोकना और लक्षणों को नियंत्रित करना है।
- तरल पदार्थों का सेवन (Hydration): पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर ORS का सेवन करना सबसे महत्वपूर्ण है।
- दवाएँ:
- एंटीबायोटिक्स: ये केवल बैक्टीरियल संक्रमण के मामलों में डॉक्टर की सलाह पर ही दिए जाते हैं। वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस में एंटीबायोटिक्स अप्रभावी होते हैं [3]।
- उल्टी रोकने वाली दवाएँ (Antiemetics): गंभीर उल्टी को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जा सकती हैं।
- दस्त रोकने वाली दवाएँ (Antidiarrheals): कुछ मामलों में इन्हें लेने की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि ये शरीर से संक्रमण को बाहर निकलने से रोक सकती हैं।
- आराम: पर्याप्त आराम करें ताकि शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम हो सके।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव के तरीके (Prevention of Gastroenteritis)
संक्रमण से बचाव के लिए कुछ आसान और प्रभावी उपाय निम्नलिखित हैं:
- हाथों की स्वच्छता: भोजन करने से पहले और शौचालय के बाद हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक अच्छी तरह धोएं।
- सुरक्षित भोजन: ताजा और पूरी तरह पकाया हुआ भोजन ही खाएं; कच्चे या अधपके मांस, अंडे और समुद्री भोजन से बचें।
- शुद्ध पानी: केवल साफ और शुद्ध पानी का सेवन करें।
- टीकाकरण: रोटावायरस वैक्सीन बच्चों को इस संक्रमण के गंभीर रूप से बचाने का एक प्रभावी तरीका है [1]।
प्राकृतिक और घरेलू सहायक उपाय (Natural and Home Remedies)
यहां कुछ प्राकृतिक तत्व दिए गए हैं जो हल्के लक्षणों में सहायक हो सकते हैं, लेकिन इन्हें मुख्य उपचार का विकल्प नहीं मानना चाहिए:
- अदरक: यह मतली और उल्टी को कम करने में पारंपरिक रूप से सहायक माना जाता है।
- पुदीना: पुदीना में पाया जाने वाला मेन्थॉल पेट की मांसपेशियों को आराम देने में सहायक हो सकता है, जिससे हल्की ऐंठन में राहत मिल सकती है।
- हल्दी: इसमें सूजनरोधी (एंटी-इंफ्लेमेटरी) प्रभाव होता है, जो पाचन तंत्र की सामान्य सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है।
- जीरा: जीरा का सेवन गैस और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है।
टोन और बैलेंस: यह समझना महत्वपूर्ण है कि आयुर्वेदिक या घरेलू उपचार केवल हल्के लक्षणों में सहायक होते हैं। गंभीर, लगातार या बिगड़ते लक्षणों (जैसे रक्तस्राव, तेज बुखार, गंभीर डिहाइड्रेशन) के लिए ये अपर्याप्त हैं और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
पेट में संक्रमण के कुछ लक्षण यदि गंभीर या लंबे समय तक बने रहें, तो यह संकेत हो सकते हैं कि चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता है। निम्न स्थितियों में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए:
- लगातार या तेज़ बुखार (101°F/38.3°C से अधिक)
- दस्त में खून आना या काले रंग का मल
- अत्यधिक और बार-बार उल्टी होना जो तरल पदार्थों को शरीर में न ठहरने दे
- तेज़ पेट दर्द या ऐंठन जो आराम करने पर भी कम न हो
- डिहाइड्रेशन के गंभीर संकेत: 3 घंटे से अधिक समय तक पेशाब न आना, अत्यधिक प्यास, सूखा मुँह
- लक्षण 48 घंटे से अधिक समय तक बने रहना
निष्कर्ष
गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक आम लेकिन उपेक्षा करने पर गंभीर रूप लेने वाली स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इसकी पहचान समय पर करना और ORS जैसे तरल पदार्थों का सेवन और उचित उपचार लेना अत्यंत आवश्यक है। नियमित स्वच्छता का पालन, साफ पानी का सेवन, संतुलित और पका हुआ भोजन खाना और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार इलाज करना पेट के संक्रमण से बचाव में प्रभावी उपाय हैं। सतर्कता, सावधानी और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ही इसका सबसे अच्छा समाधान है।
विशेषज्ञ उद्धरण
“पेट का संक्रमण, विशेषकर वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस, अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, सबसे बड़ी जटिलता डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) है। मेरा सुझाव है कि लक्षणों की शुरुआत में ही ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स (ORS) लेना शुरू कर दें। यदि 48 घंटे के भीतर लक्षण कम नहीं होते हैं या दस्त में खून आता है, तो एंटीबायोटिक या अन्य उपचार की आवश्यकता के लिए तुरंत एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से परामर्श लें।”
-Dr. Boban Raju
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
पेट में इन्फेक्शन होने पर क्या दिक्कत होती है?
पेट में संक्रमण होने पर व्यक्ति को बार-बार दस्त, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी और बुखार जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी भी महसूस हो सकती है।
आंत में संक्रमण के क्या लक्षण हैं?
आंतों में संक्रमण (एंटराइटिस) के सामान्य लक्षणों में पेट दर्द, मरोड़, पतले दस्त, गैस, बुखार, और कभी-कभी खून या बलगम की मिलावट सहित मिचलाहट शामिल होती है।
पेट में संक्रमण के लिए कौन से टेस्ट किए जाते हैं?
इस स्थिति की पुष्टि के लिए डॉक्टर आमतौर पर मल की जाँच (Stool Culture), और रक्त परीक्षण कराने की सलाह दे सकते हैं, ताकि संक्रमण के विशिष्ट कारण की पहचान हो सके।
इन्फेक्शन किस वजह से होता है?
पेट या आंतों में संक्रमण आमतौर पर हानिकारक वायरस (जैसे नॉरोवायरस), बैक्टीरिया (जैसे E. coli, Salmonella), या परजीवी के कारण होता है। यह दूषित भोजन या पानी के सेवन से या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैल सकता है।
पेट में इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?
सामान्यत: वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस 3 से 7 दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन बैक्टीरियल संक्रमण या कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इससे उबरने में अधिक समय लग सकता है।
References
[1] Centers for Disease Control and Prevention. (2024, April 24). Information for healthcare professionals: Foodborne Illness. U.S. Department of Health and Human Services. https://www.cdc.gov/food-safety/hcp/information/index.html
[2] National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases. (2018, May). Viral gastroenteritis (“stomach flu”). National Institutes of Health. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/viral-gastroenteritis
[3] National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases. (2025, August 28). Treatment of Viral Gastroenteritis (“Stomach Flu”). National Institutes of Health. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/viral-gastroenteritis/treatment
[4] National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases. (2025, August 28). Symptoms & Causes of Viral Gastroenteritis (“Stomach Flu”). National Institutes of Health. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/viral-gastroenteritis/symptoms-causes
