क्या आप जानते हैं, वायरल बुखार क्यों होता है? बदलते मौसम के साथ बीमारियों और संक्रमण का बढ़ना कोई बड़ी बात नहीं है। खासकर मानसून और सर्दियों में जब मौसम का कोई भरोसा नहीं होता है – कभी ज्यादा ठण्ड , ज्यादा बारिश या ज्यादा धुप । खासकर मानसून के समय देश भर में मौसमी फ्लू के मामले लगातार बढ़ने शुरू हो जाते हैं और वायरल फीवर के सिम्पटम्स के मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। मानसून के समय में जगह-जगह पानी जमने से बैक्टीरिया और वायरस पनपने लगते हैं और वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस ब्लॉग में आज हम जानेंगे वायरल बुखार के लक्षण, कारण और प्रभावी घरेलू उपचार।
वायरल बुखार क्या है? (Viral Fever in Hindi)
वायरल बुखार, जिसे अक्सर बुखार संबंधी वायरल बीमारी के रूप में जाना जाता है, एक व्यापक स्वास्थ्य जोखिम है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। यह शरीर के बहुत ज्यादा तापमान और अलग अलग तरह के लक्षणों से पहचाना जाता है। वायरल फ़ीवर कई वायरस के कारण होता है और यह हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है।
वायरल फीवर के सिम्पटम्स आम होते हैं जैसे: खासी, झुकाम, शरीर में ऐठन ,आदि।
वायरल बुखार कैसे फैलता है?
वायरल संक्रमण के सामान्य तरीके, जो आगे चलकर वायरल बुखार का कारण बन सकते हैं, ये हैं:
- खाँसना, छींकना
- ऐसी सतहों या वस्तुओं को छूना जिनमें वायरस हो सकता है क्योंकि वायरल संक्रमण वाले किसी व्यक्ति ने इन्हें छुआ है
- यौन संपर्क
- काटने (आमतौर पर मच्छर या टिक जैसे संक्रमित कीट के काटने से)
- दूषित भोजन या पानी
वायरल बुखार के लक्षण (Viral Fever Symptoms in Hindi)
जब बुखार किसी वायरल संक्रमण की वजह से होता है, तो उसे वायरल बुखार कहते हैं। फीवर कैसे होता है ? इसको जानने से पहले हमें वायरल फीवर के लक्षण के बारें में समझना होगा। यह इस प्रकार है :-
- शरीर में दर्द
- भूख न लगना
- जी मिचलाना
- सिरदर्द होना
- गाढ़ा पेशाब होना
- उल्टी आना
- कब्ज होना
- शरीर गर्म रहना
- डिहाइड्रेशन
- मांसपेशियों में दर्द
- ठंड लगना
बच्चों में वायरल बुखार के लक्षण (Viral Fever Symptoms in children in Hindi)
बच्चे अपने शरीर के भीतरी परेशानियों को ज्यादा बता नहीं पाते हैं, ऐसे में उनके वाइरल फीवर के लक्षणों के आधार पर उनका इलाज किया जाता है। बच्चों में मौसमी बुखार के लक्षण निम्नलिखित है:-
- बच्चे चिड़चिड़े हो जाते है
- अचानक शांत रहने लगते है
- शरीर गरम होने लगता है
- बच्चो का खाने का मन नहीं होना
- बहुत ज्यादा रोने लगते है
- सुस्त रहने लगते है
- आंखों का लाल होना
- सांस लेने में बढ़ोतरी
- उल्टी की समस्या
वायरल बुखार के कारण (Viral Fever Causes in Hindi)
विकराल फीवर वैसे तो हानिकारक नहीं होता है और यह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। पर कई बार कहा जाट है कि वायरल हवा में फैला हुआ है तब यह ज्यादा खतरनाक होता है। इस तरीके के वायरल फीवर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ कारण निचे दिए गए है :-
- किसी संक्रमित व्यक्ति के डायरेक्ट या खाद्य-पदार्थों के माध्यम से संपर्क में आना
- दूषित या संक्रमित भोजन या पानी को ग्रहण करना
- कीडें-मकोड़े के काटने से भी वायसर का प्रसार हो सकता है
- संक्रमित व्यक्ति के श्वसन बुंदों (ड्रॉपलेट) को शरीर के अंदर लेने से भी वायरल बुखार हो सकता है
वायरल बुखार का निदान (Diagnosis of Viral Fever in Hindi)
वायरल बुखार के निदान में क्लिनिकल इवैल्यूएशन और लैबोरेटरी टेस्ट का संयोजन शामिल होता है। डॉक्टर रोगी के लक्षणों, मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षण के आधार पर निदान करते हैं। संभावित वायरस की पहचान के लिए ब्लड टेस्ट, थ्रोट स्वैब, या रेस्पिरेटरी सैंपल की जांच की जा सकती है।
1. फ़ीवर प्रोफ़ाइल (मिनी)
यह फ़ीवर आने के कारणों को व्यवस्थित तरीके से पता करने के लिए तैयार किया गया एक संक्षिप्त निदान पैकेज है।
2. फ़ीवर प्रोफ़ाइल (मैक्सी)
इस व्यापक निदान संकलन का उद्देश्य फ़ीवर के अलग अलग कारणों का पता लगाना है। इस तरह के टेस्ट में कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC हेमोग्राम), रूटीन एग्जामिनेशन यूरिन के साथ अन्य कई टेस्ट शामिल है।
3. फ़ीवर प्रोफ़ाइल (सुपर मिनी)
यह एक सुव्यवस्थित, फिर भी व्यापक निदान समूह है जिसे खास तौर पर बुखार के बुनियादी कारणों का व्यवस्थित रूप से पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है
4. फ़ीवर प्रोफाइल (सुपर मैक्सी)
यह फ़ीवर पैनल फ़ीवर आने के बहुत सारे कारणों को सावधानीपूर्वक पता लगाने के लिए तैयार किया गया है।
5. रियल-टाइम मल्टीप्लेक्स पीसीआर से फ़ीवर प्रोफाइल का पता लगाना
इस प्रोफ़ाइल में अत्याधुनिक स्टेट-ऑफ़-आर्ट रियल-टाइम मल्टीप्लेक्स पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) तकनीक का इस्तेमाल होता है जिससे फ़ीवर पैदा करने वाले एजेंटों के जटिल स्पेक्ट्रम को कुशलतापूर्वक समझने में मदद मिलती है।
वायरल बुखार का घरेलू इलाज (Home Remedies for Viral Fever in Hindi)
1. तुलसी
तुलसी या पवित्र तुलसी में शक्तिशाली जीवाणुरोधी, कीटाणुनाशक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। तुलसी के पत्तों को पानी में उबालें और इसका काढ़ा पीने से बुखार कम करने में मदद मिलती है।
2. दालचीनी
दालचीनी एक मसाला है, जो एक छोटे पेड़ की सूखी छाल होती है। इसके खाने से सर्दी-जुकाम, गले में दर्द, खांसी इत्यादि से आराम मिलता है।
3. अजवाइन
आजवाइन को विशप वीड्स या कैरम के रूप में भी जाना जाता है, जिसका उपयोग मसाला और औषधीय रूप में किया जाता है। आजवाइन का पानी पीने से बुखार में राहत मिलती है।
4. अदरक
अदरक में सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। सूखी अदरक को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें और इसे पीने से बुखार कम होता है और अन्य लक्षण कम होते हैं।
5. हल्दी वाला दूध
हल्दी और अदरक दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण होते हैं। गर्म दूध में हल्दी और सूखी अदरक का पाउडर मिलाकर पीने से बुखार कम करने में मदद मिलती है।
6. नींबू और शहद
शहद और नींबू का मिश्रण गले को आराम पहुंचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाएं और इस मिश्रण को पीएं।
वायरल बुखार कितने दिन रहता है?
वायरल बुखार आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहता है, लेकिन यह वायरस के आधार पर भिन्न हो सकता है। यदि बुखार बना रहता है, गंभीर लक्षणों के साथ होता है, या यदि तापमान बहुत अधिक है, विशेषकर बच्चों या बुजुर्गों में, तो चिकित्सकीय सहायता लें। वायरल बुखार को रोकने के लिए अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें, सामाजिक दूरी बनाए रखें, संतुलित आहार लें, पर्याप्त आराम करें और संबंधित वायरस के खिलाफ टीकाकरण करवाएं।
बुखार के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय क्या है?
बुखार उतरने के बाद अक्सर हम थका हुआ और कमजोर महसूस करते हैं। ये बिल्कुल स्वाभाविक है क्योंकि बीमारी के दौरान शरीर काफी ऊर्जा खो देता है। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है! कुछ खास फलों और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करके आप जल्दी ही अपनी पुरानी चुस्ती-फुर्ती वापस पा सकते हैं।
- नारियल पानी: बुखार के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है। नारियल पानी न सिर्फ शरीर को हाइड्रेट रखता है बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्व भी आपको जल्दी ठीक होने में मदद करते हैं।
- केला: केले में पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट आपको ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- हरी सब्जियां: पालक, ब्रोकली, गाजर जैसी हरी सब्जियां विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होती हैं जो शरीर को बीमारी से उबरने में मदद करते हैं।
- ड्राई फ्रूट्स: बादाम, अखरोट, किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स में प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स होते हैं जो शरीर को मजबूत बनाते हैं।
निष्कर्ष
जबकि ये घरेलू उपचार वायरल बुखार की परेशानी से काफी राहत दे सकते हैं, अपने शरीर की बात सुनना और ज़रूरत पड़ने पर पेशेवर चिकित्सा सलाह लेना ज़रूरी है। लगातार या गंभीर लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वे अधिक गंभीर स्थिति का संकेत दे सकते हैं। अगर आपको या आपके प्रियजनों को लंबे समय तक बुखार रहता है या लक्षण बिगड़ते हैं, तो किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से सलाह लेने में संकोच न करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
आमतौर पर वाइरल फीवर के लक्षण और उसका असर ३-४ दिनों तक रहते है।
वायरल बुखार के लक्षणों में बुखार, गले में खराश, नाक बहना और थकान शामिल हैं। अगर आपको ये लक्षण हैं और आपने हाल ही में किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो संभव है कि आपको वायरल बुखार हो।
ठंड लगकर बुखार आना कई तरह की बीमारियों का लक्षण हो सकता है, जिसमें वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण दोनों शामिल हैं।
वायरल बुखार के लिए एंटीबायोटिक्स काम नहीं करते क्योंकि ये बैक्टीरिया के खिलाफ होते हैं। आमतौर पर, डॉक्टर बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दवाएं सुझाते हैं।
वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण अक्सर समान होते हैं। निश्चित रूप से पता लगाने के लिए, आपको डॉक्टर से मिलना होगा। वे आपके लक्षणों और मेडिकल इतिहास के आधार पर परीक्षण कर सकते हैं।
कोई एक फल बुखार को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकता। हालांकि, कुछ फल जैसे संतरा, अंगूर और मौसमी फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।