Vitamin B12 Deficiency Causes in Hindi

विटामिन B12 की कमी: लक्षण और कारण (Vitamin B12 Deficiency Causes in Hindi)

विटामिन B12, जिसे रसायनिक रूप से कोबालामिन के नाम से भी जाना जाता है, एक जल में घुलनशील विटामिन है जो शरीर की कोशिकाओं के लिए डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है [1]। यह विटामिन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के स्वस्थ संचालन के लिए भी आवश्यक होता है। शरीर स्वाभाविक रूप से विटामिन B12 का उत्पादन नहीं करता है इसलिए इसे आहार या सप्लीमेंट्स के माध्यम से प्राप्त करना पड़ता है। यह जानना भी जरूरी है कि विटामिन B12 के मुख्य स्रोत क्या हैं, क्योंकि शाकाहारी और वेगन आहार वाले लोगों को अपने आहार में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

विटामिन B12 की कमी से होने वाले प्रभाव (Vitamin B12 Deficiency Effects in Hindi)

विटामिन B12 की कमी से शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसकी कमी के कारण शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन कम हो जाता है जिससे मेगालोब्लास्टिक एनीमिया हो सकता है [2]। इसके अलावा, यह तंत्रिका तंत्र पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है जिससे हाथ-पैर में झुनझुनी या सुन्नपन (पेरेस्टेसिया), याददाश्त की समस्याएं और मानसिक विकार उत्पन्न हो सकते हैं।

यदि आपको लंबे समय तक अस्पष्ट थकान, कमजोरी, या झुनझुनी की शिकायत हो रही है, तो अपने चिकित्सक से विटामिन B12 की जांच करवाना उचित होगा, विशेषकर यदि आप जोखिम कारकों में शामिल हैं।

विटामिन B12 की कमी के लक्षण (Symptoms of Vitamin B12 Deficiency in Hindi)

विटामिन B12 की कमी के लक्षण जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि समय रहते इनका निदान और उपचार किया जा सके। निम्नलिखित लक्षण विटामिन B12 की कमी की ओर संकेत करते हैं [1]:

  • अत्यधिक थकान और कमजोरी: शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना और हर समय थकान बनी रहना।
  • सांस फूलना और चक्कर आना: शारीरिक गतिविधि करने पर सांस फूलने लगना और हल्के सिरदर्द के साथ अचानक से चक्कर आना।
  • त्वचा का पीला या फीका पड़ना: लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से त्वचा का रंग पीला या बेजान दिखाई देना।
  • जीभ में दर्द और सूजन (ग्लोसाइटिस): जीभ का चिकना और सूजा हुआ महसूस होना।
  • तंत्रिका संबंधी लक्षण: हाथों और पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन, या संतुलन बनाने में कठिनाई।
  • मूड स्विंग और संज्ञानात्मक समस्याएं: मानसिक स्थिति पर प्रभाव डालते हुए यह कमी अवसाद, भ्रम और याददाश्त की समस्याओं का कारण बन सकती है।
  • यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना और उचित इलाज कराना अत्यंत आवश्यक है।

आपको विटामिन B12 की कितनी मात्रा चाहिए? (Recommended Dietary Allowance of Vitamin B12)

विटामिन B12 की कमी से बचने के लिए इसे सही मात्रा में लेना आवश्यक है। विभिन्न आयु वर्गों और परिस्थितियों में विटामिन B12 की दैनिक अनुशंसित मात्रा (RDA) अलग-अलग होती है [1]:

  • वयस्कों के लिए (14 वर्ष और उससे अधिक): 2.4 माइक्रोग्राम (mcg) प्रतिदिन
  • गर्भवती महिलाओं के लिए: 2.6 माइक्रोग्राम (mcg) प्रतिदिन
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए: 2.8 माइक्रोग्राम (mcg) प्रतिदिन

अगर आप शाकाहारी हैं या ऐसा आहार लेते हैं जिसमें विटामिन B12 की मात्रा कम होती है तो आपको सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता हो सकती है। सप्लीमेंट लेने से पहले किसी योग्य चिकित्सक या आहार विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें, क्योंकि अत्यधिक B12 की खुराक की भी सीमाएं होती हैं और यह किसी अंतर्निहित अवशोषण समस्या का समाधान नहीं करती है [3]

विटामिन B12 की कमी के मुख्य कारण और जोखिम कारक (Vitamin B12 Deficiency Causes and Risk Factors)

विटामिन B12 की कमी के कई कारण हो सकते हैं, जो मुख्य रूप से अपर्याप्त सेवन या खराब अवशोषण से संबंधित होते हैं। निम्नलिखित कारण और जोखिम कारक विटामिन B12 की कमी के हो सकते हैं [2], [4]:

  1. अपर्याप्त आहार सेवन (शाकाहारी या वेगन आहार): विटामिन B12 मुख्य रूप से पशु स्रोतों में पाया जाता है। शुद्ध शाकाहारी या वेगन लोगों में इसकी कमी होने की संभावना अधिक होती है।
  2. हानिकारक एनीमिया (Pernicious Anemia): यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है जहाँ शरीर इंट्रिन्सिक फैक्टर (Intrinsic Factor) का उत्पादन नहीं कर पाता। यह प्रोटीन विटामिन B12 के अवशोषण के लिए आवश्यक है।
  3. पाचन तंत्र की समस्याएं: कुछ पाचन संबंधी समस्याएं जैसे सीलिएक रोग, क्रोहन रोग, या पेट का अल्सर विटामिन B12 के अवशोषण में बाधा डालती हैं।
  4. बढ़ती उम्र: 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अक्सर पेट में एसिड (hydrochloric acid) का कम उत्पादन करते हैं, जिससे विटामिन B12 को भोजन से अलग करना और अवशोषित करना कठिन हो जाता है।
  5. पेट की सर्जरी: जिन लोगों ने पेट की सर्जरी करवाई है जैसे गैस्ट्रिक बाईपास, ऐसे लोगों को B12 के अवशोषण मार्ग में बदलाव के कारण कमी हो सकती है।
  6. लंबे समय तक कुछ दवाओं का सेवन: कुछ दवाएं, विशेषकर एंटासिड (प्रोटॉन पंप इनहिबिटर) और मधुमेह की दवा मेटफॉर्मिन, विटामिन B12 के अवशोषण में बाधा डाल सकती हैं [2]

यदि आप इन स्थितियों में से किसी से ग्रसित हैं या जोखिम श्रेणी में आते हैं, तो डॉक्टर से विटामिन B12 की जांच करवाना समझदारी होगी।

विटामिन B12 की कमी का उपचार (Vitamin B12 Deficiency Treatment in Hindi)

विटामिन B12 की कमी का इलाज करना बेहद जरूरी है ताकि इसके गंभीर प्रभावों से बचा जा सके। उपचार का तरीका कमी की गंभीरता और उसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है [3]:

विटामिन B12 के इंजेक्शन:

अगर कमी गंभीर है या अवशोषण की समस्या (जैसे हानिकारक एनीमिया) है, तो डॉक्टर विटामिन B12 के इंजेक्शन (इंट्रामस्क्युलर) देने की सलाह दे सकते हैं। यह तरीका अवशोषण मार्ग को बायपास कर देता है और तेज तथा प्रभावी है।

उच्च खुराक वाली विटामिन B12 की गोलियां (Oral Supplements):

अगर कमी हल्की है और कोई गंभीर अवशोषण समस्या नहीं है, तो डॉक्टर उच्च खुराक वाली विटामिन B12 की गोलियों का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।

डाइट में बदलाव:

अपने आहार में विटामिन B12 से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें जैसे मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पाद।

फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का सेवन:

शाकाहारी और वेगन लोगों के लिए फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ (जैसे कुछ सोया उत्पाद, पौधे-आधारित पेय और अनाज) और सप्लीमेंट्स महत्वपूर्ण हैं।

यदि विटामिन B12 की कमी के लक्षण बने रहें या बार-बार वापसी करें, तो किसी न्यूरोलॉजिस्ट या हेमेटोलॉजिस्ट से चिकित्सकीय परीक्षण व नियमित फ़ॉलोअप ज़रूरी है।

विटामिन B12 से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food Rich in Vitamin B12 in Hindi)

विटामिन B12 किसमें पाया जाता है यह जानना बेहद जरूरी है ताकि आप अपने आहार में सही खाद्य पदार्थ शामिल कर सकें। यहाँ कुछ प्रमुख विटामिन B12 युक्त खाद्य पदार्थ दिए गए हैं [1]:

  • मांस: चिकन, मटन और बीफ विटामिन B12 का बेहतरीन स्रोत हैं। यकृत (Liver) और गुर्दे (Kidney) जैसे अंग मांस में इसकी मात्रा विशेष रूप से अधिक होती है।
  • मछली और समुद्री भोजन: सैल्मन, टूना, सार्डिन और क्लैम जैसी मछलियों और समुद्री खाद्य पदार्थों में विटामिन B12 अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
  • अंडे: अंडे के पीले भाग में विटामिन B12 की मात्रा अधिक होती है।
  • डेयरी उत्पाद: दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद विटामिन B12 के अच्छे स्रोत होते हैं।
  • फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ: कुछ प्रकार के अनाज, सोया उत्पाद (जैसे टोफू) और पौधे-आधारित दूध फोर्टिफाइड होते हैं जिनमें विटामिन B12 पाया जाता है।

शाकाहारी लोगों को विशेष रूप से फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों और डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेने पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि फल, सब्जियां, दाल और अनाज शुद्ध शाकाहारी भोजन में प्राकृतिक रूप से B12 नहीं होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

विटामिन B12 हमारे शरीर के स्वास्थ्य, विशेष रूप से लाल रक्त कोशिका निर्माण और तंत्रिका तंत्र के सही संचालन के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसकी कमी से गंभीर समस्याएं जैसे तंत्रिका क्षति, मेगालोब्लास्टिक एनीमिया और संज्ञानात्मक समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप विटामिन B12 की कमी के लक्षण महसूस करते हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और उचित उपचार कराना चाहिए। संतुलित आहार, पशु-आधारित उत्पादों का सेवन, और आवश्यकतानुसार सप्लीमेंट्स लेकर इस कमी को प्रभावी रूप से रोका जा सकता है, जिससे स्वस्थ और सक्रिय जीवन सुनिश्चित होता है।

Expert Quote

विटामिन B12 हमारे तंत्रिका तंत्र के सुचारू कार्य और रक्त कोशिकाओं के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अभाव से शरीर में थकान, कमजोरी के साथ-साथ स्थायी तंत्रिका संबंधी क्षति और मानसिक स्वास्थ्य विकार भी उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए, विटामिन B12 की कमी के संकेतों को गंभीरता से लेना आवश्यक है और जल्द से जल्द चिकित्सकीय सलाह लेकर सही उपचार शुरू करना चाहिए। विटामिन B12 की कमी को इंजेक्शन या उच्च खुराक वाले मौखिक सप्लीमेंट्स द्वारा प्रभावी ढंग से ठीक किया जा सकता है।

-Dr. Sachin Singh

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

1. आपको कैसे पता चलेगा कि आपका B12 कम है?

विटामिन B12 की कमी का पता डॉक्टर द्वारा सुझाए गए रक्त परीक्षण (जैसे सीरम B12 स्तर) से चलता है। लक्षणों जैसे पुरानी थकान, कमजोरी, हाथ-पैरों में झुनझुनी और स्मरण शक्ति की कमी से इसका पता चल सकता है।

2. B12 की कमी को ठीक करने का सबसे तेज तरीका क्या है?

गंभीर कमी या अवशोषण की समस्या के मामलों में B12 की कमी को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका विटामिन B12 के इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन हैं। किसी भी प्रकार का इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना सर्वोत्तम है।

3. विटामिन B12 की कमी से शरीर में क्या दिक्कत होती है?

विटामिन B12 की कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया, तंत्रिका क्षति (जो स्थायी हो सकती है) और मानसिक समस्याएं जैसे अवसाद या भ्रम हो सकते हैं।

4. कौन सी दाल में विटामिन B12 होता है?

विटामिन B12 प्राकृतिक रूप से दालों या अन्य शुद्ध शाकाहारी स्रोतों में नहीं पाया जाता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से पशु-आधारित खाद्य पदार्थों में मौजूद होता है। शाकाहारी लोग फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों या सप्लीमेंट्स का उपयोग करके इसे प्राप्त कर सकते हैं।

5. विटामिन B12 का लेवल कितना होना चाहिए?

विटामिन B12 का सामान्य स्तर आमतौर पर 200-900 पिकोग्राम/मिलीलीटर (pg/mL) के बीच होना चाहिए। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ 500 pg/mL से ऊपर के स्तर को इष्टतम मानते हैं। परिणाम की व्याख्या के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।

6. विटामिन B12 की गोली कब लेनी चाहिए?

विटामिन B12 की गोली का सेवन डॉक्टर की सलाह पर आमतौर पर भोजन के साथ किया जाना चाहिए। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि खाली पेट लेने की तुलना में भोजन के साथ अवशोषण बेहतर हो सकता है।

References

[1] National Institutes of Health, Office of Dietary Supplements. (2023). Vitamin B12. https://ods.od.nih.gov/factsheets/VitaminB12-HealthProfessional/

[2] Stabler, S. P. (2013). Vitamin B12 deficiency. The New England Journal of Medicine, 368(2), 149–160. https://doi.org/10.1056/NEJMcp1113996

[3] O’Leary, F., & Samman, S. (2010). Vitamin B12 in health and disease. Nutrients, 2(3), 299–316. https://doi.org/10.3390/nu2030299

[4] Langan, R. C., & Goodbred, A. J. (2017). Vitamin B12 deficiency: Recognition and management. American Family Physician, 96(6), 384–389. https://www.aafp.org/pubs/afp/issues/2017/0915/p384.html