Benefits of Chyawanprash in Hindi

च्यवनप्राश खाने के फायदे और इसे घर पर बनाने का आसान तरीका (Benefits of Chyawanprash in Hindi)

च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे हजारों सालों से स्वास्थ्य को बनाए रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। च्यवनप्राश खाने के फायदे न केवल सर्दियों में हैं बल्कि सालभर इसके सेवन से शरीर को ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता मिलती है। इसे भारत के प्राचीन ऋषियों द्वारा तैयार किया गया था। च्यवन ऋषि के नाम पर इसका नाम रखा गया है। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक टॉनिक है जिसे आंवला और 40 से अधिक जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। 

च्यवनप्राश क्या होता है? (What is Chyawanprash in Hindi)

च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक रसायन है जिसे आंवला और अन्य जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। यह एक गाढ़ा, जैम जैसा पदार्थ होता है जिसे सदियों से शरीर को बलवान, रोग प्रतिरोधक और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए खाया जाता है। च्यवन ऋषि की दीर्घायु और उनकी जवानी को बनाए रखने के लिए इस औषधि का निर्माण किया गया था इसलिए इसे च्यवनप्राश नाम दिया गया। यह एक मल्टीविटामिन की तरह काम करता है जो न केवल इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है बल्कि शरीर को विभिन्न बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी देता है।

च्यवनप्राश के मुख्य घटक 

च्यवनप्राश बनाने में उपयोग की जाने वाली प्रमुख जड़ी-बूटियाँ और घटक इस प्रकार हैं:

  1. आंवला : यह च्यवनप्राश का मुख्य घटक है और विटामिन C का सबसे अच्छा स्रोत है। आंवला शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
  2. शहद : शहद में कई एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को ऊर्जा देते हैं और इसे स्वस्थ बनाए रखते हैं।
  3. अश्वगंधा : यह तनाव कम करने, मानसिक शक्ति बढ़ाने और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध है।
  4. घी : घी शरीर को आवश्यक वसा और पोषण प्रदान करता है। यह ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है।
  5. दालचीनी : यह च्यवनप्राश में फ्लेवर जोड़ने के साथ-साथ ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक है।
  6. इलायची : यह पाचन तंत्र को सही रखने और खाने को जल्दी पचाने में मदद करती है।
  7. केसर : यह एक महंगी और फायदेमंद जड़ी-बूटी है जो त्वचा को निखारने और शरीर को ताजगी प्रदान करती है।

च्यवनप्राश खाने के फायदे (Chyawanprash Benefits in Hindi)

च्यवनप्राश खाने के निम्नलिखित फायदे होते हैं:

  1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए: च्यवनप्राश के नियमित सेवन से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है और यह विभिन्न रोगों से लड़ने में मदद करता है। 
  2. शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में : इसमें आंवला और शहद जैसे घटक होते हैं जो शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा देते हैं। 
  3. पाचन शक्ति में सुधार: इसमें पिप्पली, बेल और अन्य जड़ी-बूटियाँ होती हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाती हैं और कब्ज, गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाती हैं।
  4. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: च्यवनप्राश के सेवन से त्वचा में चमक आती है और बालों का झड़ना कम होता है। 
  5. याददाश्त और एकाग्रता में सुधार: यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और याददाश्त को सुधारने में मदद करता है। 
  6. एंटी-एजिंग गुण: च्यवनप्राश में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
  7. दिल को स्वस्थ बनाए: यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसमें मौजूद घटक रक्त संचार को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं।
  8. श्वसन तंत्र को स्वस्थ बनाए: च्यवनप्राश में औषधीय गुण होते हैं जो श्वसन तंत्र को ठीक रखते हैं और खांसी, जुकाम जैसी समस्याओं से बचाते हैं।
  9. हड्डियों को मजबूती प्रदान करे: इसमें शामिल कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और हड्डियों से संबंधित समस्याओं को दूर रखते हैं।

च्यवनप्राश बनाने की सामग्री

घर पर च्यवनप्राश बनाना एक आसान और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है। इसके लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • आंवला – 1 किलो
  • शहद  – 250 ग्राम
  • शुद्ध घी – 100 ग्राम
  • बेल, पिप्पली, अश्वगंधा और अन्य औषधीय जड़ी-बूटियाँ – 50 ग्राम
  • इलायची, दालचीनी और केसर – स्वाद और खुशबू के लिए

च्यवनप्राश बनाने की आयुर्वेदिक विधि 

घर पर च्यवनप्राश बनाना सरल है और इसका सेवन करते समय यह जानकर सुकून मिलेगा कि यह शुद्ध और ताजा है। इसे बनाने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करें:

  1. आंवले को उबालें: सबसे पहले आंवले को पानी में उबाल लें। जब यह नरम हो जाए तो इसे ठंडा करके बीज निकाल लें और इसे पीसकर पेस्ट बना लें।
  2. घी में पेस्ट भूनें: अब एक पैन में शुद्ध घी डालें और उसमें आंवले का पेस्ट डालकर धीमी आंच पर भूनें।
  3. शहद और जड़ी-बूटियों का मिश्रण: अब इसमें शहद और सभी औषधीय जड़ी-बूटियाँ जैसे बेल, पिप्पली और अश्वगंधा डालें। इसे तब तक पकाते रहें जब तक मिश्रण गाढ़ा न हो जाए।
  4. स्वाद और खुशबू के लिए मसाले डालें: जब मिश्रण तैयार हो जाए तो उसमें इलायची, दालचीनी और केसर डालें ताकि इसका स्वाद और खुशबू बेहतर हो जाए।
  5. मिश्रण को ठंडा करें: मिश्रण को ठंडा होने दें और फिर इसे किसी कांच के जार में स्टोर करें। आपका घर का बना हुआ च्यवनप्राश तैयार है।

च्यवनप्राश कब खाना चाहिए 

च्यवनप्राश खाने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है। सुबह इसे खाने से दिनभर ऊर्जा बनी रहती है और यह शरीर को अंदर से मजबूत करता है। इसके अलावा रात में सोने से पहले भी इसे दूध के साथ लिया जा सकता है जिससे नींद बेहतर होती है और शरीर को आराम मिलता है।

च्यवनप्राश खाने के नुकसान (Side Effect of Chyawanprash in Hindi)

हालांकि च्यवनप्राश कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है लेकिन यदि इसे अत्यधिक मात्रा में लिया जाए तो इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं:

  1. अधिक सेवन से पेट में जलन हो सकती है: ज्यादा मात्रा में च्यवनप्राश का सेवन करने से पेट में जलन, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  2. मधुमेह के रोगियों के लिए सावधानी जरूरी: च्यवनप्राश में शहद और गुड़ की मात्रा अधिक होती है इसलिए मधुमेह के रोगियों को इसे सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए।
  3. गर्मी में अत्यधिक सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है: च्यवनप्राश को सर्दियों में खाने की सलाह दी जाती है लेकिन गर्मियों में इसका अत्यधिक सेवन शरीर में गर्मी पैदा कर सकता है।

च्यवनप्राश से जुड़ी गलतफहमियाँ

  1. यह केवल सर्दियों में ही उपयोगी है: च्यवनप्राश हर मौसम में लाभकारी होता है लेकिन सर्दियों में इसका सेवन विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है।
  2. यह केवल बुजुर्गों के लिए है: च्यवनप्राश हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है खासकर बच्चों और युवाओं के लिए।
  3. च्यवनप्राश वजन बढ़ाता है: यह मिथक है। यदि इसे सही मात्रा में लिया जाए तो यह वजन नहीं बढ़ाता बल्कि शरीर को ऊर्जा और ताकत प्रदान करता है।

नकली च्यवनप्राश की पहचान कैसे करें

  1. बाजार में नकली च्यवनप्राश की पहचान करना मुश्किल हो सकता है। नकली और असली च्यवनप्राश की पहचान के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
  2. ब्रांड और प्रमाणन की जांच करें: पैकेजिंग पर दिए गए ब्रांड और उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।
  3. स्वाद और रंग: असली च्यवनप्राश का स्वाद और रंग प्राकृतिक होता है जबकि नकली उत्पाद में कृत्रिम रंग और स्वाद होते हैं।
  4. सस्ते उत्पादों से बचें: बहुत सस्ते दामों में मिलने वाले च्यवनप्राश से बचें क्योंकि यह नकली हो सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

च्यवनप्राश एक अत्यंत पौष्टिक और आयुर्वेदिक टॉनिक है जो न केवल सर्दियों में बल्कि पूरे सालभर शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता और ऊर्जा प्रदान करता है। च्यवनप्राश खाने के फायदे कई हैं लेकिन इसे सही मात्रा में और सही समय पर लेना भी जरूरी है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं ताकि बाजार में मिलने वाले नकली उत्पादों से बचा जा सके और आप शुद्ध और सुरक्षित च्यवनप्राश का सेवन कर सकें। नियमित रूप से च्यवनप्राश को अपने आहार में शामिल करें और अपने शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

सुबह खाली पेट च्यवनप्राश खाने से क्या होता है?

सुबह खाली पेट च्यवनप्राश खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है और शरीर को दिनभर ऊर्जा मिलती है।

1 दिन में कितना च्यवनप्राश खाना चाहिए?

आमतौर पर दिन में 1-2 चम्मच च्यवनप्राश पर्याप्त होता है। बच्चों के लिए मात्रा कम होनी चाहिए।

दूध में च्यवनप्राश मिलाकर पीने से क्या होता है?

दूध में च्यवनप्राश मिलाकर पीने से यह शरीर में तेजी से अवशोषित होता है और ज्यादा पोषण प्रदान करता है।

क्या च्यवनप्राश वजन बढ़ाता है?

नहीं, सही मात्रा में सेवन करने से च्यवनप्राश वजन नहीं बढ़ाता बल्कि यह शरीर को शक्ति और ऊर्जा देता है।

क्या च्यवनप्राश के साइड इफेक्ट होते हैं?

अगर इसे ज्यादा मात्रा में लिया जाए तो यह गैस्ट्रिक समस्याएं पैदा कर सकता है।

क्या च्यवनप्राश में डाली गई चीनी नुकसान पहुंचाती हैं?

अधिक चीनी वाले च्यवनप्राश से मधुमेह रोगियों को समस्या हो सकती है।

क्या डायबिटीज के रोगियों के लिए शुगर फ्री च्यवनप्राश सेफ है?

हां, डायबिटीज के रोगियों के लिए शुगर-फ्री च्यवनप्राश बाजार में उपलब्ध है और यह सुरक्षित होता है।

फ्लेवर वाला च्यवनप्राश कितना उपयोगी होता है?

फ्लेवर वाला च्यवनप्राश भी उपयोगी होता है लेकिन यह सुनिश्चित करें कि उसमें प्राकृतिक तत्व हों।

क्या सिर्फ सर्दियों में ही इसे खा सकते हैं?

नहीं, च्यवनप्राश का सेवन सालभर किया जा सकता है खासकर जब शरीर को अतिरिक्त पोषण की जरूरत हो।


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