Shilajit Benefits Uses Side Effects in Hindi

शिलाजीत के फायदे और नुकसान: Benefits and Side Effects of Shilajit in Hindi

शिलाजीत एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जो कि भारतीय चिकित्सा पद्धति का एक अभिन्न हिस्सा है। इसका उपयोग हजारों वर्षों से पारंपरिक रूप से विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है। आयुर्वेद में इसे एक अद्वितीय और प्रभावी औषधि माना जाता है, जो ना केवल शारीरिक ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाती है, बल्कि शारीरिक और कुछ हद तक मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारने में सहायक हो सकती है। इसके प्राकृतिक तत्व और उपयोग की विधियों के कारण, शिलाजीत एक आहार पूरक (Dietary Supplement) के रूप में आधुनिक जीवनशैली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक ऐसा प्राकृतिक तत्व है, जिसे हिमालय के ऊँचे पर्वतों की चट्टानों से प्राप्त किया जाता है। यह मुख्य रूप से भारत, नेपाल, पाकिस्तान और तिब्बत में पाया जाता है। शिलाजीत की उत्पत्ति और इसके गुण इसे एक अद्वितीय आयुर्वेदिक औषधि बनाते हैं। हालांकि, इसके सेवन से जुड़े संभावित जोखिमों और लाभों के बारे में संतुलित जानकारी रखना आवश्यक है, और इसे हमेशा शुद्ध रूप में ही लेना चाहिए।

शिलाजीत क्या है? (What is Shilajit in Hindi?)

शिलाजीत एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो मुख्य रूप से पौधों और सूक्ष्म जीवों के अपघटन से बनता है जो हिमालयी पर्वतों की चट्टानों से निकलता है। इसे अक्सर “मिनरल पिच” (Mineral Pitch) के रूप में जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम है और यह आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों, विशेषकर हिमालय, काकेशस और अल्ताई पर्वत श्रृंखलाओं में पाया जाता है। शिलाजीत का निर्माण हजारों वर्षों में होता है, जब पौधों के अवशेष और सूक्ष्म जीव एकत्रित होकर रेजिन का रूप लेते हैं। शिलाजीत का रंग काला या गहरा भूरा होता है और इसे प्राकृतिक मलहम के रूप में भी जाना जाता है। शिलाजीत को मुख्य रूप से इसके उच्च खनिज सामग्री और फुलविक एसिड (Fulvic Acid) के लिए जाना जाता है [1], जो कि इसे एक शक्तिशाली औषधी बना देते हैं।

शिलाजीत के प्रमुख गुण (Key Properties of Shilajit)

शिलाजीत में कई प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं जो इसे एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि बनाते हैं।

  • खनिज और पोषक तत्व: शिलाजीत में बहुत सारे खनिज पाए जाते हैं जो शरीर की संपूर्ण सेहत के लिए सहायक हो सकते हैं।
  • ऊर्जा और ताकत: सीमित अध्ययनों के अनुसार, शिलाजीत का नियमित सेवन शरीर की ऊर्जा और ताकत को बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह शरीर की थकान को दूर करने और सहनशक्ति को बढ़ाने में सहायक हो सकता है [2]
  • एंटीऑक्सीडेंट गुण: शिलाजीत में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।

शिलाजीत के फायदे (Shilajit ke Fayde)

शिलाजीत को पारंपरिक रूप से पुरे शरीर को फायदा पहुंचाता माना जाता है, बल्कि साथ में उन कारणों को कम करता है जो कि शरीर को कमजोर बना रहे होते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन दावों का समर्थन करने वाले अधिकांश साक्ष्य प्रारंभिक हैं और मानव पर व्यापक नैदानिक ​​अध्ययन अभी भी सीमित हैं। आइये जानते हैं शिलाजीत के प्रमुख फायदे। शिलाजीत के प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं:

सामान्य स्वास्थ्य और ऊर्जा लाभ शिलाजीत का सेवन शरीर के सामान्य स्वास्थ्य को सहारा दे सकता है। यह संभवतः प्रतिरोधक क्षमता को समर्थन देने में मदद कर सकता है और शरीर को विभिन्न समस्याओं से बचाने में सहायक हो सकता है [1]

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और यौन स्वास्थ्य को समर्थन कुछ सीमित वैज्ञानिक अध्ययनों में यह पाया गया है कि शुद्ध शिलाजीत का सेवन कुछ पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है और यह पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को सपोर्ट कर सकता है [3]। हालांकि, ये प्रभाव सभी पर एक समान नहीं होते और यौन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए इसे दवा का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी यौन स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में शिलाजीत में मौजूद पोषक तत्व और खनिज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को सहारा दे सकते हैं, जिससे शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियों से मुकाबला करने में मदद पा सकता है [1]

तनाव और संज्ञानात्मक (Cognitive) कार्यों में सहायक शिलाजीत का सेवन मानसिक तनाव और अवसाद को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है (पशु मॉडल में) [1]। यह मस्तिष्क के सामान्य कार्यों में सुधार करने में मदद कर सकता है और मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन कर सकता है।

ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित करने में कुछ प्रारंभिक अध्ययन (ज्यादातर पशुओं पर किए गए) बताते हैं कि शिलाजीत में पाए जाने वाले फुल्विक एसिड जैसे तत्व ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित करने में सहायक हो सकते हैं [4]। हालांकि, मधुमेह के प्रबंधन के लिए इसे दवा या इंसुलिन का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। मधुमेह के मरीजों को इसका सेवन सख्त रूप से डॉक्टर की निगरानी में ही करना चाहिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर को बहुत कम कर सकता है।

हड्डियों की मजबूती शिलाजीत में कैल्शियम और अन्य खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि यह ऑस्टियोपीनिया से पीड़ित रजोनिवृत्त महिलाओं में अस्थि खनिज घनत्व को संरक्षित करने में मदद कर सकता है [5]

पाचन तंत्र को सुधारने में शिलाजीत का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है और गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में पारंपरिक रूप से उपयोगी माना जाता है।

शारीरिक प्रदर्शन और थकान में सुधार यह मांसपेशियों की क्षति को कम करने और ऊर्जा उत्पादन में सहायता करके शारीरिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने और थकान को कम करने में मदद कर सकता है [2, 6]।

शिलाजीत के नुकसान (Side Effects of Shilajit in Hindi)

शिलाजीत के कई फायदे होने के बावजूद इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, खासकर जब इसे अशुद्ध रूप में या अत्यधिक मात्रा में लिया जाए:

  • पाचन तंत्र पर प्रभाव: कुछ लोगों को शिलाजीत के सेवन से पाचन तंत्र में गड़बड़ी हो सकती है, जैसे कि मतली, दस्त या पेट में ऐंठन। (अजवाइन और शहद के अनावश्यक उल्लेख को हटा दिया गया है क्योंकि यह ब्लॉग का फोकस नहीं है।)
  • एलर्जी और यूरिक एसिड: शिलाजीत का सेवन कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा पर खुजली, चकत्ते (Rashes), या अन्य लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। यह शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है, जो गाउट (Gout) को ट्रिगर कर सकता है [1]
  • गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान सावधानियां: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शिलाजीत का सेवन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इसके सुरक्षा डेटा सीमित हैं।
  • अशुद्ध शिलाजीत के खतरे: अशुद्ध (Unprocessed) शिलाजीत में भारी धातुएं (Heavy Metals) जैसे लेड या आर्सेनिक, फ्री रेडिकल्स, फंगी (Fungi) और अन्य दूषित पदार्थ हो सकते हैं। इसका सेवन लिवर और गुर्दे (Kidney) को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है [1]। हमेशा प्रमाणित, शुद्ध शिलाजीत ही खरीदें।
  • उच्च मात्रा में उपयोग: शिलाजीत की अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से किडनी और लिवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए इसे निर्धारित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

शिलाजीत का उपयोग (Uses of Shilajit in Hindi)

शिलाजीत का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा और आधुनिक चिकित्सा में कई तरह से किया जाता है:

  • आयुर्वेदिक चिकित्सा में: शिलाजीत को प्राचीन काल से ही विभिन्न रोगों के इलाज में आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा उपयोग किया जाता है। यह आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है।
  • आधुनिक पूरक (Supplement) में: आधुनिक चिकित्सा में शिलाजीत का उपयोग विभिन्न प्रकार के सप्लीमेंट्स और फूड औषधियों में किया जाता है। इसे विशेष रूप से ऊर्जा बढ़ाने और शारीरिक सहनशक्ति को सुधारने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • घरेलू नुस्खों में: यह आमतौर पर घरेलू नुस्खों के बजाय, प्रशिक्षित आयुर्वेद चिकित्सकों के मार्गदर्शन में उपयोग किया जाता है।

    शिलाजीत का सही तरीके से उपभोग (How to Consume Shilajit)

    शिलाजीत का सेवन सही तरीके से करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि इसके सभी गुणों का लाभ उठाया जा सके:

 

  • पानी के साथ शिलाजीत का सेवन: शिलाजीत को पानी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है। यह एक सरल और प्रभावी तरीका है।
  • दूध के साथ शिलाजीत का सेवन: शिलाजीत को दूध में मिलाकर सेवन करने से यह और भी प्रभावी हो जाता है। दूध के साथ इसका सेवन हड्डियों को मजबूत बनाने और शारीरिक ताकत बढ़ाने में सहायक होता है।
  • चाय या कॉफी के साथ शिलाजीत का सेवन: कुछ लोग शिलाजीत को चाय या कॉफी में मिलाकर भी लेते हैं, परंतु यह सुझाव दिया जाता है कि इसे गर्म पेय के बजाय गुनगुने पानी या दूध के साथ लिया जाए ताकि इसके प्राकृतिक तत्वों की गुणवत्ता बनी रहे।

सावधानियां (Precautions)

शिलाजीत का सेवन करने से पहले कुछ सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए:

  • विशेष रोगों में उपयोग: यदि आप किसी विशेष रोग से पीड़ित हैं, जैसे कि आयरन की अधिकता (Hemochromatosis) [1] या गठिया (Gout), तो शिलाजीत का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
  • सही मात्रा में सेवन: शिलाजीत का सेवन सही मात्रा में करें ताकि इसके सभी लाभ प्राप्त हो सके और कोई हानिकारक प्रभाव न हो। शुरुआत हमेशा कम खुराक से करें।

विशेषज्ञ उद्धरण (Expert Quote)

“शिलाजीत एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खनिज पदार्थ है, जिसे आयुर्वेद में ऊर्जा बढ़ाने, सहनशक्ति को सुधारने और पुरुषों के संपूर्ण स्वास्थ्य को समर्थन देने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें उपस्थित फुल्विक एसिड जैसे यौगिक शरीर की कोशिकाओं को पोषण देने और सूजन कम करने में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, यदि शिलाजीत का सेवन अशुद्ध रूप में या चिकित्सकीय सलाह के बिना किया जाए, तो इसमें मौजूद हानिकारक तत्व लिवर और गुर्दों के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इस कारण, केवल उच्च गुणवत्ता वाले, प्रमाणित और शुद्ध स्रोत से प्राप्त शिलाजीत का ही सेवन, किसी योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ की निगरानी में किया जाना चाहिए।”

Dr. Mandeep Chadha

शिलाजीत से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या बिना डॉक्टर की सलाह के शिलाजीत लिया जा सकता है?

शिलाजीत का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना सुरक्षित होता है, विशेष रूप से यदि आप किसी विशेष रोग से पीड़ित हैं, गर्भवती हैं, या कोई अन्य दवा ले रहे हैं।

शिलाजीत कहाँ मिलती है?

शिलाजीत आयुर्वेदिक दवा की दुकानों, ऑनलाइन स्टोर्स और कुछ फार्मेसी में मिल जाती है। केवल उन उत्पादों का चयन करें जो शुद्धता के लिए तृतीय-पक्ष (Third-Party) परीक्षण पास कर चुके हों।

शिलाजीत गोल्ड खाने से क्या फायदा होता है?

शिलाजीत गोल्ड जैसे वाणिज्यिक (Commercial) उत्पादों में शुद्ध शिलाजीत के साथ अन्य लाभकारी तत्व मिलाए जाते हैं। इन मिश्रणों के प्रभाव उत्पाद और व्यक्ति पर निर्भर करते हैं। ऐसे उत्पादों के दावों को सत्यापित करने के लिए हमेशा लेबल और विशेषज्ञ की सलाह लें।

शिलाजीत खाने से पुरुषों को क्या फायदा होता है?

शोधों के अनुसार, शुद्ध शिलाजीत का सेवन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ा सकता है, जिससे यौन स्वास्थ्य, शारीरिक ताकत और थकान में सुधार हो सकता है [3]। इसमें मौजूद फुल्विक एसिड मांसपेशियों की रिकवरी और इम्यूनिटी को भी सपोर्ट कर सकता है।

शिलाजीत का असर कितने दिनों में होता है?

शिलाजीत का असर व्यक्ति की सेहत और नियमित उपयोग पर निर्भर करता है। आमतौर पर, इसके फायदे कुछ हफ्तों में महसूस होने लगते हैं। बेहतर परिणाम के लिए इसे नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह के अनुसार लें।

एक दिन में कितने ग्राम शिलाजीत खाना चाहिए?

आमतौर पर 1 दिन में 300-500 मिलीग्राम शिलाजीत लिया जा सकता है [1]। इसे पानी, दूध या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए तरीके से लें। अधिक मात्रा में सेवन से बचें और इसे खाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

References

[1] Stohs, S. J., Singh, K., Das, A., Roy, S., & Sen, C. K. (2017). Energy and health benefits of Shilajit. In Sustainable energy for improved human functions and activities (pp. 187-204). Academic Press. https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/B9780128054130000120

[2] Keller, J. L., Housh, T. J., Smith, C. M., Schmidt, R. J., & Johnson, G. O. (2019). The effects of shilajit supplementation on fatigue-induced decreases in muscular strength and serum hydroxyproline levels. Journal of the International Society of Sports Nutrition, 16(1), 1-10. https://jissn.biomedcentral.com/articles/10.1186/s12970-019-0270-3

[3] Pandit, S., Biswas, S., Jana, U., De, R. K., Mukhopadhyay, S. C., & Biswas, T. K. (2016). Clinical evaluation of purified shilajit on testosterone levels in healthy volunteers. Andrologia, 48(5), 570-575. https://onlinelibrary.wiley.com/doi/abs/10.1111/and.12482

[4] Trivedi, N. A., Majumdar, B., Bhatt, J. D., & Hemavathi, K. G. (2004). Effect of shilajit on blood glucose and lipid profile in alloxan-induced diabetic rats. Indian Journal of Pharmacology, 36(6), 373-376. https://journals.lww.com/iphr/fulltext/2004/36060/effect_of_shilajit_on_blood_glucose_and_lipid.10.aspx

[5] Pingali, U., & Nutalapati, C. (2022). Shilajit extract attenuates oxidative stress, inflammation, and bone loss to preserve dose-dependent bone mineral density in postmenopausal women with osteopenia: A randomized, double-blind, placebo-controlled trial. Phytomedicine, 105, 154334. https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0944711322004135


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